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सोनान मुर्ती क वांदने न हुकुम
नबुकदनेसर राजा सोनान एक मुर्ती बनवाड़ीयो, जेकी ऊंचाय साहठ हात, आरु चवड़ाय छव हात नी हुती। हुयो हेनाक बेबीलोनन राजोन दुरा नावोन खोयड़ा मा उबो कोरायो। तव राजा नबुकदनेसर अधिपतियो, हाकिमो, राज्यपालो, नियाव करनीया, फाळु लेने वाळान क, शास्त्रिया आखा प्रान्तन आखा आदिकारीयांक नेवतो कय मुकलीयो कि त्या आखा उनी मुरतीन उजगाटन मा आवे जेको त्यो उबी करवालो हुतो। तव अधिपति, हाकिम, आदिकारीया, नियाव करनीया, शास्त्री आखा प्रान्तन सब आदिकारीया नबुकदनेसर राजान लारे उबी करावली मुरती न उजघाटन वाटे एखटा हुया, आरु उनी मुरती न सामने उबा हुया। तव बमदिन आयड़ने वाळा जुर दीन आयड़ीन कया, एदेश-देश न आरु जाति जातिन, आरु अलग अलग भाषा बोलनेवाळा लोगहन! तमु आखाक राजा यो हुकुम सळाड़जे कि, जिनाटेम पर भिरा, पाळ्ळी, वीणा, सारंगी, सितार, बिनवाजान आखे भातीन बुल समळाये, ती तमुक उना टेम पर नबुकदनेसर राजा न लारे बनवाड़ली मुरतीक वांदनो छे। जो कोय मुरती क नी वांदे‍‍ हेको उना पर हळो हळो धपतला आग्ठान भाटी मा न्हाक देसे। एर करीन उना टेम पर सब जातिन ळोगहन कोजसा वाजा वाजणो समळाय पड़ीयो, तत्काळ देश-देश आरु राज्य-राज्यान लोगहन आरु अलग अलग भाषा बोलनेवाळा पाया पड़ीन सोनान मुरती क जो नबुकदनेसर राजा बनवाड़लो हुतो वांदने लागिया।
दानियेलन तीन साथी पर हुकुम नी मानने गुनु
उना टेम पर थुड़ांक कसदी लोगहन ओदेमड़ा राजान चा गिया, आरु धुका सी यहुदीया लोगहनन चुगली करीया। त्या नबुकदनेसर राजा सी कयने लागीया, “ए राजा तु जलोम जीवतो रये। 10 ए राजा, तु ते यो हुकुम आपलो की जो कोय मनुस भिरान, पाळ्ळी, बिनवाजा आख्ये भातीन वाजान बुल समळाय पड़े, ती उनी सोनान मुरती अगोळ पाया पड़ीन वांदनो छे। 11 आरु जो कोय बी पाया पड़ी नी वांदे हेकेक् हळो हळो धपतला आग्ठान भाट्टा मा न्हाक देय। 12 ए राजा देख शद्रक, मेशक, आरु अबेदनगो नाव न थुड़ांक यहुदी ओदेमड़ा छे जिनको तु बेबीलोनन प्रान्त न काम पर नियुक्त करलो छे। त्या ओदेमड़ा, थारा हुकुमन पाळन नी करे, आरु त्या थारा देवता न भक्ति नी करे, आरु जो सोनान मुरती बमवाड़ीयो हेकेक् पाया पड़ीन नी वांदे।”
13 तव नबुकदनेसर राजा किचवाय आयो आरु रीसे मा आवीन यो शद्रक, मेशक और अबेदनगो को लाओ 14 तव नबुकदनेसर राजा हेनको पुछियो, “ए शद्रक, मेशक, अबेदनगो, तम लोगहन जो म्हारा देवतान पाया पड़ीन नी वांदताम आरु म्हारे लारे बनवाड़ली सोनान मुरती क वांदे नी ती काय तम लिगहन जाबुजेन हसा कर रीया? 15 हांय कदाम तमु भिरा, पाळ्ळी, सारंगी, सितार, बिनवाजा आरु दिसरा वाजो समळीन म्हारे लारे बनवाड़ली मुरती न सामने हेको वांदने करीन तियार हय, ती ठीक छे; तुमरो नुक्शान नी हये। पुन कदाम तमु मुरतीन सामने नी वांदे, ती उना टेम पर हळो हळो धपतला आग्ठान भाट्टा न वीच मा तमु न्हाक देसु; अळते असो काहलो देवता छे त्यो तमुक म्हार हात सी छुड़ावसे?”
16 शद्रक, मेशक, आरु अबेदनगो राजा सी कया, ए नबुकदनेसर, इना वाराम तुको जवाब आपने हामरे जुळ काहय बी नी हय। 17 हामरो परमेश्वर, जेकी हामु भक्ति करजे त्योत् गहामुक उना हळो हळो धपतला आग्ठा सी वाचाड़नेन शक्ति राखे, अळी पुन ए राजा त्यो हामुक थारा हात सी बी वाचाड़ सके। 18 पुन ए राजा कदाम तु उना आग्ठान भाट्टा मा नी बी न्हाके ती बी हामु थारा देवतान पाया पड़ीन नी वांदजे, आरु नी ती थारे लारे बनवाड़ली सोनान मुरती क पाया पड़ीन वांदजे।
दानियेलक साथीक भठ्ठिमा न्हाखनो
19 तव नबुकदनेसर राजा किचवाय पड़ीयो, आरु हेको चेहरा पर शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो करता बदली गीयो।‍ त्यो हुकुम आपीयो की आग्ठान भाट्टाक सात गुणा जादा हळो हळो कर देय। 20 अळते आपसी सेना मा तुड़ांक ताकत वाळा अदेमड़ान क राजा हुकुम दीदो, कि शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो को बाँधीन हेनको हळो हळो धपतला आग्ठान भाट्टा मा न्हाक देय। 21 त्या इन तीनु जन क हेनका पायजामा, चोगला, पागड़ी आरु दिसरा छिंदरान क सात मा बाँद दीदा आरु हेनको हळो हळो ददनता आग्ठा भाट्टा मा न्हाक दीदा। 22 त्यो भाट्टो राजा न वातड़ा हुकुमन अनसारे भाट्टान आज घण जबर जादा आरु तेज कर दीदलो हुतो, इना कारण असी जे ओदेमड़ा शद्रक, मेशक, आरु अबेदनगो क हाकलीया त्यार् आग्ठान आज मा धपीन मर गिया 23 आरु उना ददंतला आग्ठान भाट्टा न विच मा या तीनो ओदेमड़ा, शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो न को बाँदलात् न्हाक दीदा।
24 तव नबुकदनेसर राजा घबराय गियो आरु उबो हुयो, आरु आपसा मंत्रियान सी पुछने लागियो, “काय हामु उना आग्ठान भाट्टा न विच मा तीनुत् ओदेमड़ा नी नाखाड़ीया?”
त्या राजा क जवाब दीदा, “होव राजा, खरी वात छे।”
25 अळते त्यो कयो, हांय हांव यो देखो की च्यार ओदेमड़ा आग्ठान विच मा छुटलात् फेरी रिया, आरु हेनको काय भी नुक्शान बी नी हुयतो; आरु चवथो अदमीन रुप ते ईश्वरन पोर्यान सारको छे।
दानियेल हेका तीन सातीन क विजुत करनो
26 अळते नबुकदनेसर राजा हळो हळो धपतला आग्ठान भाट्टा न झपला क पास मा जाईन कयने लागियो, “ए शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो, ए परमपरधान परमेश्वर न चाकरिया, भाट्टा मा सी निकळीन याह आवो।” यो समळीन शद्रक मेशक आरु अबरदनगो आग्ठान विच मा रयीन निकळीन आती रिया। 27 जव हाकिम, आदिकारिया, आरु राजा न मंत्रिया जो एखटा हुयला हुता। शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो भेणी देखीया, तव हेनका डीलो पर आग्ठान आज लागलो काहय बी देखायो; आरु हेनका मुनका न एक बी छटो नी चुयणायो, नी हेनका पायजामा बिगड़ीया, नी हेनु मा धपनेन जसो काहय गन्द आवी।
28 नबुकदनेसर राजा कयने लागियो “घण वारु छे, शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो न परमेश्वर, जो आपसा दुतन क मोकलीन आपसा एनु चाकरियान क वाचाड़ीयो, काहकी या राजान हुकुम नी मानीन थारेत् पर भरसु राखीया, आरु यो विचार करीन आपसा डीलन क बी अर्पण कर दीदा, कि हामु हामरा परमेशवर क छुड़ीन काहला बी देवतान भक्ति नी करजे। 29 हतरान करीन हांव यो हुकुम आपो की देश-देश आरु जाति-जातिन क लोगहन, आरु अलग- अलग भाषा बोलने वाळा माईन जो कोय शद्रक, मेशक आरु अबेदनगो न परमेश्वरन काहय वायकेड़ा करसे, तेखे टुकड़ा- टुकड़ा कर कराड़दिस, आरु हेको घर पुरो बनसे, काहकी असो कोय आरु दिसरो देवता नी हय जो इनिये रीतिये वाचाड़ सके।”
30 तव राजा बेबीलोनन प्रान्त मा शद्रक, मेशक, अबेदनगो कामन पद उँचो करीयो।