2
1 हांव म्हारा मन सी कयो, “चाल, हांव तुको खुशीन लारे पारखीस की खुशी काय छे? पुन यो वी मालुम पोड़्यो की यो वी वायबार छे।
2 मेखे हासी खुशीन वाराम कयनो पड़ीयो, यो ते गांडवायनो छे,” आरु सुखन वाराम, “ हेका सी काय जड़से?”
3 हांव मन विचार करीयो कि काहली रीति सी म्हारी अकोल बनली रये आरु हांव म्हारा जीव क अंगुरन रस पीने सी कसो बदाड़ो आरु कसो विनअकल वात क कसो म्हार हक मा राखो, जव तक मालोम नी कर लेयो की त्यो वारलो काम काहलो छे जिनाक मानुस आपसा जीवन भर करतो रये।
4 हांव मोटो काम करीयो; हांव म्हारे वाटे घर बनवाड़ीयो आरु म्हारे वाटे दाखन वाड़ी लगवाड़ीयो।
5 म्हाव म्हारे वाटे अंगुरन वाड़ी लगाड़ लीदो, आरु हेनाम भांती भांतीन क फोव वाळा झाड़न वाड़ लगवाड़ीयो।
6 हांव म्हारे वाटे तळाव बनाय लिदो कि हेनु मा झाड़कान क पानी देया करे जिनुम झाड़का लगाड़ता हुता।
7 हांव पावर आरु पावेरनियान क मुले लीदो, आरु म्हारे घर मा पावरीया बी पयदा हुया; आरु जतरा म्हार सी पेहले यरुशलेम मा हुता हेनु सी घणा गाय ने बयलिया आरु गाडरा आरु बकड़ान क मालिक हुतो।
8 हांव राजाओ आरु परदेशोन सोनो, चाँदी आरु धन बी म्हारे पास एख्टो करीन राखलो हुतो। हांव म्हार वाटे गावने वाळा ओदमी आरु गावने वाळा बायरान क मुले लिदो, आरु घण सवटा ओदेमड़ान क जीव खुश करने करीन घणी सवटी रखेल बायजात बी हुती।
9 इनीये रीतिये सी म्हार सी पेहल वाळा सब यरुशलेम मा रयने वाळा सी जादा मोटा आरु धनी हुय गिया; तेबी म्हारी अकोल ठिकान पर रयी।
10 आरु जतरी चीजन क म्हारी देखनेन मरजी पड़ी, हांव हेको जीव भरीन देखीयो। हांव म्हारा मन क काहली बी भातीन सुख मारने सी नी रुकियो काहकी म्हार मन म्हारी आखी काठी मेहनत सी खुश हुयो; आरु म्हारी मेहनत सी मखे योत् वाटो जड़ियो।
11 तव हांव पछो ओळी म्हारा हातन सब काम क, आरु म्हारी सारी मेहनत क देखीयो, ती काय देखीयो कि आखो बी वायबार छे आरु वाहळाक धरनो जोसो छे, आरु इनी दुनिया मा काय बी फायदो नी हय।
12 ओळते हांव मन क फिरायो कि अकोल आरु गांडवाड़नाय आरु विनकलियान काम क देखो; काहकी जो मानुस राजा न पछोळ आवसे, त्यो काय करसे? अतरोत की जो हुयतो आय रियो।
13 हांव देखियो कि आंधारा सी मोटो विजाळो छे, वसोत् अकोल बी विनकलाय वात मोटी छे।
14 जो अकोल वाळो छे, हेका मुनका मा डूळा रये, पुन विनअकलिया आंधारा मा चाले; ते बी हांव जान लिदो कि दुयुन दोस्या एक सारकी हुये।
15 तव हांव मन मा कयो, जसी विनअकलियान हालत हुयसे, वसीत म्हारी बी हालत हुयसे; ते हांव काहा जादा अकोल वाळो हुयो? आरु हांव मन कयो, यो बी वायबार छे।
16 काहकी नी ते अकोल वाळान क आरु नी ते विनअकलियान फोम जलोमकी नी रये, पुन आवने वाळा दाहड़ाम विसराय जासे, अकोल वाळो कसो विनकलियान तसो मर जाय।
17 अतरान करीन हांव म्हार जीव पर किचवायो, काहकी जो काम धरती पर हुये, मेखे भुण्डलो मालोम पड़ियो; काहकी सब काय वायबर आरु वाहळाक धरनो छे।
18 हांव म्हारा आखा मेहनतन कामन फोव सी जिनाक हांव धरती पर करलो हुतो किचवायो, काहकी पाको छे कि हांव हेको फोव उना मानुसन वाटे छुड़ जाम जो म्हारेन ओळते आवसे।
19 यो कुन जाने कि त्यो मानुस अकोल वाळो हुयसे या विनकलियो? तेबी दाहड़ान नेचो जतरी मेहनत हांव करीयो, आरु हेको वाटे अकोल काम मा लायो की हेनु सबन त्यो आदिकारी हुयसे। यो बी वायबार।
20 तव हांव म्हार मन मा हेनी आखी मेहनतन वाराम जो हांव धरती पर करलो हुतो नराज हुयो।
21 काहकी असो मानुस बी छे, जिनान काम मेहनत आरु ओकल आरु गियान सी हुये आरु सफल बी हुये, ते बी हेको असा मानुस वाटे छुड़ीन जानो पड़ जाय, जिनाम काहय बी मेहनत नी करीयो हय। यो बी वायबार आरु घणोत् भुण्डो छे।
22 मानुस जो धरती पर मन लगाड़ी लगाड़ीन मेहनत करे उना सी हेको काय फायदो हुये।
23 हेका सब दाहड़ा ते दु:ख सी भरायला रये, आरु हेका काम कोमजुर मन सी हुये; राती बी हेको मन सुक नी हात करे, यो बी वायबार छे।
24 मानुसन करता खाने-पीने आरु मेहनत करता जाईन आपसा जीव क सुखी राखनो यो छुड़ीन काय बी वारु नी हय। हांव देखीयो कि यो बी परमेश्वरन भेणी रयीन जड़े।
25 काहकी हेरे विगुर कुन खाय पीन खुश रोय सोके।
26 जिना मानुस सी परमेश्वर खुश हुये त्यो हेनात् ककोल, गियान आरु सुक आपे। पुन पापी मानुस क त्यो दु:ख सी भरायल काम आपे त्यो हेको आपने करीन मेहनत करीन ढेर लगाड़े जो परमेश्वरन निगाम वारु हय। यो बी वायबार आरु वाहळान क धरनो छे।