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जीवनन वाराम विचार
1 वारलो नाव मोंहगा इत्तर सी आरु मोतन दाहडू पयदावारीन दाहड़ा सी वारु छे।
2 टुळान काखानो खाने सी दु:ख वाळा घरन खानो खाये त्यो वारु छे; काहकी सब मानुसन आखरी यो छे, आरु जो जीवतो छे त्यो मन लगाड़ीन इना पर विचार करसे।
3 हासने सी दु:ख वारु छे, काहकी मुय परुन दु:ख सी मन सधरे।
4 अकोल वाळा मानुस न जीव ते दु:ख झेलने वाळा परिवार पर लागलो रये, पुन विनअकलियान ममन सुख करने वाळान घर भेणी लागलो रये।
5 विनअकलियान गीत समळने सी अकोल वाळान डाट समळनो वारु छे।
6 काहकी विनअकलियान हासनो हांडान नेचो धपतला लकड़ा पर सेकने बराबर रये; यो बी वाय बार छे
7 छाचली आंधारा सी अकोलवाळो गांडवाय जाय; आरु मानुसन क वेलापाड़ीन मांगलो धन अकोल क खतम कर देय।
8 काहलास कामन शुरु हुयने सी हेको खतम हुयनो वारु छे; आरु गम राखने वाळो डाहवाळा मनसु सी वारु छे।
9 आपसा मन मा उतवाळीयो रीस झुण करे, काहकी रीस विनअकलियात् जुन मन मा रये।
10 यो नी कयनो की वितिया दाहड़ा मा इना सी वारु काय हुतो? काहकी यो तु अकोल सी नी पुछतो।
11 अकोल राजो सारकी छे, राजोन तोसी एक वारली चीज छे आरु तेनु मानसो जुगु नोफान वात कोवाये जे कोळी पोर रोवे।
12 काहकी अकोलन आड़ रिपियान आड़ मा काम आवे; पुन गियानन फायदो यो छे कि अकोल सी हेको राखने वाळान जीव न राखवाळी हुये।
13 परमेश्वरन काम क देखो; जिनी चीज क त्यो आड़प करलो छे, हेको कुन सुदो कर सके?
14 सुकन दाहड़ा सुक मान, आरु दु:खन दाहड़ेन वारा विचार कर; काहकी परमेश्वर दुयन क एक सात राखलो छे, जिना से मानुस हेको बाद हुयने वाळी वातोन क नी समझे।
15 आपसा रीकामा जीवन मा हांव यो सब काय देखियो; कोय बी धरमी आपसा नियावन काम करतो जाईन नाश हुय जाय, आरु बुरो मानुस बुराय करतो जाईन ढेरकी उमर हात करे
16 आपसाक घण धोरमी झुण बनावे, आरु नी ते आपसाक घणो अकलो वाळो बनावजी; तु कायक आपसा क नाश क कारण हये?
17 घणो भुण्डो बी झुण बने, आरु नी बुरो हयजी; तु काह थारी टेम सी पेहले मरे?
18 यो वारु छे की तु इनी वातन क धरीन रय आरु उनी वात पर सी बी हाथ झुण उठावे; काहकी जो परमेश्वर क बीक माने त्यो इनी सब वेला सी पार हुय जासे।
19 अकोलुत् सी नगरन दस आदिकारीयान आश राखने मा अकोल वाळान क जादा ताकत जड़े।
20 धरती पर काहय बी असो धरमी मानुस नी हय जो भलाय करे आरु जिना सी पाप नी हयो हय।
21 जतरी वात कये सब पर कान झुण लगाड़े, असो नी हय कि तु यी वात समळे कि थारो चाकरीया थारी बुराय करे।
22 काहाकी तु जाने कि तु बी घणी वार दिसरान क सराप दीदलो छे।
23 यो सब हांव अकोल सी जाचीयो; हांव कयो, हांव अकोल वाळो हुय जाईस, पुन यो म्हार सी दुर रयो।
24 त्यो जी वात दुर आरु घणो उंडो छे, हेको पुरावो कुन ली सके?
25 हांव आपसा मन लगाड़ीयो कि अकोल न वाराम जानो; कि हेको हेरो आरु हेको पुरावो जानो, आरु कुमनियान बुराय आरु बुराय जो गांडवाय छे, हेको जानु।
26 आरु हांव मोत सी बी जादा पीड़ा वाळी एक आरु चीज देखीयो, मतलब उनी बायजात क जेको नाव फंदो आरु जाळ छे आरु जेका हाथ मा हाथकड़ी छे, जिना ओदमी सी परमेश्वर खुश छे चोत् हेरेसी वाचसे, पुन पापी हेरो शिकार होयसे।
27 देख, उपदेशक कये, हांव गियान वाटे अलग अलग वतोन क जाचीन देखियो आरु यी वात निकळी,
28 जिनाक म्हारो मन हाय तक हेरी रयो, पुन जड़्यो नी। हजार मा सी हांव एक ओदमी क हात करीयो, पुन हेनु मा एक बी बायजात क नी देखीयो।
29 देखु, हांव अतरीत वात क देखीयो, कि परमेश्वर मानुस क सुदो बनायो, पुन त्या घण सवटा विचार निकाळीया।