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फिरोन न लारे याकुब क स्वागत
1 ती युसुफ न फिरोन क पास जाईन यो खोबोर आप्या, “मारु बाबु आरु मारा भाईष, आरु ओका गाडरा बुकड़ा, गाय बुईल आरु जो काई ओकोज छे, आखो कनान देश सी आय गोयला छे; आरु हेमी ते चे गोशेन देश मा छे।”
2 ओळी हुये आपसा भाई मा सी पाच जोन लिन फिरोन क ओगोळ उबो कोर देदा।
3 फिरोन न ओका भाइश सी पुछ्यो, “तुमरो उद्यम काय छे?” हुये फिरोन सी कोया, “तारा दास गुवाळ्या छे, आरु आमरा डाहडा वी ओसात रोया।”
4 ओळी हुये फिरोन सि कोयो, “आमु इना देश मा पारका जोसा रोहने क लिय आवला छे; काहकी कनान देश मा भारी काव छे कोरीन तारा दास क गाडरा बुकड़ा क लिय च्यारु नी रोयो; ओतरान कोरिन आपसा दास क गोशेन देश मा रोहने क हुकुम आप्यो।”
5 ति फिरोन न युसुफ सि कोयो, “तारा बाबा आरु तारा भाईश तारा पास आय गोयला छे,
6 आरु मिसर देश तारे ओगोळ पोड़लो छे; एना देश क जो आखा रोईन वारु भाग होय, हेरेमा आपसा बाबा आरु भाइश्यो क वोसाड़ दे; यानी चे गोशेन देश मात रोहे; आरु काहमाईन तु जानतु होय, की हेरेमा सी मेहनोती मानुस छे, ती हुये मारा ढुरो क मुखी बोनाय दे।”
7 ती युसुफ न आपसा बाबा याकुब क ली आवीन फिरोन क ओगोळ उबो कोर्यो; आरु याकुब न फिरोन क बोरकोत आप्या।
8 ती फिरोन न याकुब सी पुछ्यो, “तारी उमोर कोतरा दाहड़ान होयली छे?”
9 याकुब न फिरोन सी कोयो, “हांव ते एक सोव तीस साल पारका होईन आपसो जीवन विताड़ चुकलो छे; मारा जीवन क दाहड़ा थुड़ा आरु दुख सी भोरायला वी होयला हुता, आरु मारा डाहडा पारका होईन जोतरा दाहड़ा लोगुन जिवतला रोया तोतर दाहड़ा क म्हारा हिमि नी होयो।”
10 आरु याकुब फिरोन क बोरकोत आपीन ओका ओगोळ सी जात रोयो।
11 ती युसुफ न आपसा बाबा आरु भाश्यो क बसाड़ देदो, आरु फिरोन क हुकुम क ओनसारे मिसर देश क वारु सी वारु वाटा मा, यानी रामसेस नावोन प्रदेश मा, जागु आपीन ओको सोप देदा।
12 आरु युसुफ आपसा बाबा क, आरु आपसा भाष्यो क आरु बाबा क आखा घोराना क, एक एक क बाळ पुर्या क गिनती क ओनसारे, ओन आपीन ओको पाळन पोषण कोरने लाग्या।
अकाल आरु युसुफ का तयारी
13 हेना आखा देश मा खाने क काई नी रोहो; काहकी काव घोने जोबोर हुतो, आरु काव क कारन मिसर आरु कनान दुयु देश नाश होय गोया।
14 आरु जोत्रा रुप्या मिसर आरु कनान देश मा हुतो, सब क युसुफ न हेना ओन क बोदले, जो हेरा निवासी मुले लेता हुता एकठा कोरीन फिरोन क घोर मा पुगाड़ देदा।
15 जब मिसर आरु कनान देश क रिपिया सोर गोया, ती सब मिसरी युसुफ क पास आव आवीन कोहने लाग्या, “आमुक खानेन चीजे आपे, काय हामु रुप्या क नी रोहने सी तारे रोहते होय मोर जाजे?”
16 युसुफ न कोयो, “काहमाईन रिपिया न होय ते आपना ढुरोक आप दे, आरु हांव ओका बोदले तुमुक खाने क आपीस।”
17 ती हुये आपसा ढुरे युसुफ क पास लि आया; आरु युसुफ ओका घुल्ला, गाडरा बुकड़ा, गाउ बुईल आरु गोदड़ा क बोदले खाने क आपने लाग्यो: हेना साल मा हुये सब जाती क ढुरो क बोदले खाने आपीन ओको पाळोन पोषन कोरता रोया।
18 हुये साल ते यो काट देदा; ती ओगले साल मा हुये ओका पास आवीन कोया, “हामु आपसा पोरबु सी यो वात साताड़ नी राख्से के आमरा रिपिया सोर गोया छे, आरु आमरे सब भातीन क ढुरे आमरा पोरबु क ओगोळ आमरा डील आरु जागु छुड़ीन आरु काय नी रोयो।
19 हामु तारे देखतेत काहा मोरे, आरु आमरी जागा काहा उजाड़ जाजे? आमुक आरु आमरी जागा क खानेन चीजे क बोदले मुले लेजे, कि हामु आपस जागा भेळ फिरोन क दास होय आरु आमुक बिज आपे, कि हामु मोरजे नी, बाखुन जिवतला रोया, आरु जागु नी उजड़े।”
20 ती युसुफ न मिसर क आखी जागा क फिरोन क लिय मुले लेदा; काहकी हेना घोना काव क पोड़ने सि मिसरीक आपनो आपनो खेत वोचनो पोड़्यो। ओस कोरीन आखी जागा फिरोन क होय गोय।
21 आरु एक धोड़े सी लीन दिसरे धोड़े लोगुन आखा मिसर देश मा जे मानसे रोहता हुता, ओका हुये नगर मा लावीन बोस गोया।
22 बाखुन याजक क जागा ते हुये मुले नी लेदो; काहकी याजक क लिय फिरोन क भीनी सी नित्य खानो क बंदोबस्त हुतो, आरु नित्य जो खानो फिरोन हेनुक आपता हुता हुये चेत खाता हुता; ओस कोरीन हेनुक आपसु जागु वेचनो नी पोड़्यो।
23 ती युसुफ न प्रजा क मानषो सी कोयो, “सोमवु, मे आज क दाहड़े तुमुक आरु तुमरी जागा क वी फिरोन क लिय मुले लेदलो छे; देखु, तुमरे जुगु याँ बिज छे, इनाक धोरती मा वेरु।
24 आरु जो काई उगे पांचवो वाटो फिरोन क आपनो, बाकी चार अंश तुमरा रोहसे कि तुमु हेनाक आपना खेतो मा वेरे, आरु आप आपसा बाळ पुर्या आरु घोर क दिसरा मानसे खाया कोरे।”
25 हुये कोया, “तु आमुक वाचाड़लु छे; आमरा पोरबु क गीन क निगाह आमरे पोर बोनली रोहे, आरु हामु फिरोन क दास होईन रोहसे।”
26 ओस कोरीन युसुफ न मिसर क जागा क वारा मा ओसो कायदो कोहायसे, जो आज क दाहड़े लोगुन चाली आयो छे कि पंचमांश फिरोन क मिळ्या कोरे; केवल याजकोत क जागा फिरोन क नी होये।
इस्राएल क गोशेन प्रदेश मा बोसनो
27 इसराएली मिसर क गोशेन प्रदेश मा रोहने लाग्या; आरु होंया क जागा क जागाम हेरे होको मा हुतो, आरु फुले फले, आरु घोना वोदे।
28 मिसर देश मा याकुब सतरह साल जुवतलो रोयो ओस कोरीन याकुब क आखी उमोर एक सोव पाच कोम पोचा साल क हुया।
29 जब इस्राएल क मोरने क दाहड़ा आय गोया, ती हुये आपसा पुर्या युसुफ क बुलावीन कोयो, “काहमाईन तारो गीन मार पोर होय, ते आपसो हात मारी जाँघ क तळे मेकीन वायदु खा, की तु मारे साते गिन आरु छाचाय क यो काम कोरसे, कि मेसे मिसर मा धुळु नी आपीस।
30 जब हांव आपसा बाप दादा क पुठी सुय जाईस, ती तु मेसे मिसर से उठाविन जाईन तेना बिड़ा मा मेकीस।” ती युसुफ न कोयो, “हांव तारा बुलो के ओनसारे कोरीस।”
31 ओळी हुयो कोयो, “मार सी वायदु खा।” एने: हुये हेनासी वायदु खादो, ती इस्राएल न खाटला क मुन्डास्या भिनी मुनको नेचो कोरीन विनता कोर्यो। (इब्रा 11:21)