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मेलमिलाप बलि न विधि
“कदाम उकान चढ़ावु मेलबलि क होय, आरू कदाम चा केवड़ी-बुयल मा सी काहना क चढ़ावे, चाहे चा पशु नर होय या मादा, ते जु पूरो आरगो हय हेकेक त्यो यहोवान अगोळ चढ़ावे। आरू चा आपसो हाथ आपसा चढ़ावान करता पशु न मुनका पर मेले आरू हेको मिलापवाळा तम्बून झपला पर बलि करे; आरू हारून क पोर्‍यो जो पुजारो छे त्यो हेको लुहूय क वेदीन च्यारू मेर छिड़के। आरू त्यो मेलमिलापन बलि मा रयीन यहोवान करता वेदी की आग्ठी मा चढ़ावे, मतलब जीनी चरबी सी आतड़ा ढाकयला रये, आरू जो झाळ हेना मा लेपटाय रये ची भी, आरू दुयु गुर्दा आरू हेके उपर वाळी चरबी जो कमर क जु रवती छे, आरू गुर्दान क सात मा काळजा न उपर झाळी, इनु सबन क त्यो अलग करे। तव हारून क पोर्यो हेनको वेदी पर होमबलि पर धोपाड़े, जो हेनू लाकड़ा पर हसे जो आग्ठान उपर छे कि यो यहोवान करता सुखदायक सुगन्धवाळा भेट रयसे।
“कदाम यहोवा न मेलमिलाप न बलिन करता हेको चढ़ावो पालतु पशु मा सी होय, ते चाहे त्यो नर हय या मादा, पर जो पूरा डिलोम आरगो हय हेको चढ़ावे। कदाम त्यो गाडरान पीलो चढ़ावतो हय, ती हेको यहोवान क सामने चढ़ावे, आरू चा आपनु चढ़ावान पशु न मुनका पर हाथ मेके आरू हेको मिलापवाळा तम्बू न अगोळ बलि करे; आरू हारून क पोर्यो हेको लुहूय वेदीन च्यारो तरफ छिड़के। तब मेलबलि मा सी चरबा क योहोवा क करता हवन करे, मतलब ओकान चरबी भरली मोटली सेमटी क चा रीढ़न जुळ सी अलग करे, आरू जेकी चरबी सी आतड़्या ढ़ाकला रये, आरू जी चरबो उना मा चिपकली रवती छे, 10 आरू दुयु गुर्दा, आरू जो चरबो उकान उपर कमर क जु रवती छे, आरू गुर्दा समेत कावजा क उपरली झिल्ली, इना सभा क चा अलग करे। 11 आरू याजक ओका वेदी पर धोपाड़े; या योहोवा क करता भेंट रूपी भोजन ठरसे।
12 “कदाम चा बुकड़ी चढ़ावे ती हेको योहोवा क सामने चढ़ाया। 13 आरू चा आपना हाथ उकान मुनका पर मेके, आरू उकाह मिलापवाळा तम्बू क ओगव बलि करे; आरू हारून क पोर्‍या उकान लुहूय क वेदी क चार तरफ छिड़कु। 14 तव चा उकामा सी आपनो चढ़ावो योहोवा क करता वेदी की आग पर चढ़ावे, मतलब जीन चरबी सी आतड़ा ढाकायला रये छे, आरू जो चरबी हेकाम चिपकली रये त्यो भी, 15 आरू दुयु गुर्दा आरू जो चरबो उकान उपर कमर क जु रवती छे, आरू गुर्दा समेत काळजान क उपर वाळी जाळी, इनु सबन क त्यो अलग करे। 16 आरू याजक ओका वेदी पर धोपाड़्या; यो हवन रूपी भोजन छे जो सुखदायक सुगन्ध क करता हतलो छे; काहकी सब चरबी यहोवान छे। 17 यो तुमरी रयने जागा मा तुमरी पीढ़ी पीढ़ी क करता हमेशान विधि रयसे कि तुमु चरबी आरू लुहूय कदी नी खावु।”