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क्रूस पर चढ़्यो मसीह को बारे म खबर
हे भाऊवों-बहिनों, जब मय परमेश्वर को भेद सुनावतो हुयो तुम्हरो जवर आयो, त शब्दों यां ज्ञान की उत्तमता को संग नहीं आयो। कहालीकि मय न यो ठान लियो होतो कि तुम्हरो बीच यीशु मसीह बल्की क्रूस पर चढ़ायो हुयो मसीह अऊर ओको मृत्यु ख छोड़ अऊर कोयी बात ख नहीं जानु। मय कमजोरी अऊर डर को संग, अऊर बहुत थरथरातो हुयो तुम्हरो जवर आयो; अऊर मोरो वचन, अऊर मोरो प्रचार म ज्ञान की लुभावन वाली बाते नहीं, पर आत्मा को सामर्थ को सबूत होतो, येकोलायी कि तुम्हरो विश्वास आदमियों को ज्ञान पर नहीं, पर परमेश्वर को सामर्थ पर निर्भर हो।
परमेश्वर को ज्ञान
तब भी आत्मिकता म समझदार लोगों म हम ज्ञान सुनावतो हंय, पर यो जगत को अऊर यो जगत को नाश होन वालो शासकों को ज्ञान नहीं; पर हम परमेश्वर को ऊ गुप्त ज्ञान, जो गुप्त होतो भेद की रीति पर बतायजे हंय, जेक परमेश्वर न जगत को पहिलो सी हमरी महिमा लायी ठहरायो। जेक यो जगत को शासकों म सी कोयी न नहीं जान्यो, कहालीकि यदि हि जानय त तेजोमय प्रभु ख क्रूस पर नहीं चढ़ातो। पर जसो लिख्यो हय,
“जो बात आंखी न नहीं देखी अऊर कान न नहीं सुनी,
अऊर जो बाते आदमी को चित म नहीं चढ़ी,
उच हंय जो परमेश्वर न अपनो प्रेम रखन वालो लायी तैयार करी हंय।”
10 पर परमेश्वर न उन्ख अपनो आत्मा को द्वारा हम पर प्रगट करयो, कहालीकि आत्मा सब बाते, बल्की परमेश्वर की गूढ़ बाते भी जांचय हय। 11 आदमियों म सी कौन कोयी आदमी की बाते जानय हय, केवल आदमी की आत्मा जो ओको म हय? वसोच परमेश्वर की बाते भी कोयी नहीं जानय, केवल परमेश्वर की आत्मा जानय हय। 12 पर हम म जगत की आत्मा नहीं, पर वा आत्मा पायो हय जो परमेश्वर की तरफ सी हय कि हम उन बातों ख जाने जो परमेश्वर न हम्ख दी हंय।
13 जेक हम आदमियों को ज्ञान की सिखायी हुयी बातों म नहीं, पर परमेश्वर को आत्मा की सिखायी हुयी बातों म, जेको म परमेश्वर की आत्मा हय उन्ख आत्मिक बाते सुनाजे हंय। 14 पर जो आदमी परमेश्वर को आत्मा की बाते स्वीकार नहीं करय, कहालीकि हि ओकी नजर म मूर्खता की बाते हंय, अऊर नहीं ऊ उन्ख जान सकय हय कहालीकि उन्की जांच आत्मिक रीति सी होवय हय। 15 जेको जवर परमेश्वर की आत्मा हय ऊ सब को न्याय कर सकय हय, पर ओको न्याय कोयी नहीं कर सकय। कहालीकि कह्य हय: 16 जसो शास्त्र म लिख्यो हय:
“प्रभु को मन ख कौन जानय हय?
कौन ओख सिखाय सकय हय?”
पर हमरो जवर मसीह को मन हय।
2:3 २:३ प्रेरितों १८:९