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प्रकाश म जीवन
येकोलायी कि तुम परमेश्वर को प्रिय बच्चा हो, तुम ओको जसो बनो, अऊर प्रेम म चलो जसो मसीह न भी तुम सी प्रेम करयो, अऊर हमरो लायी अपनो आप ख सुखदायक सुगन्ध लायी परमेश्वर को आगु भेंट कर क् बलिदान कर दियो।
जसो परमेश्वर को लोगों लायी यो सही नहाय, कि तुम म व्यभिचार अऊर कोयी तरह की अशुद्ध काम यां लोभ की चर्चा तक हो। अऊर नहीं निर्लज्जता, मुर्खतापूर्न यां अश्लिल बातचीत करी, अऊर नहीं मजाक करी; कहालीकि या बाते शोभा नहीं देवय, येको बदला तुम्ख परमेश्वर ख धन्यवाद देनो चाहिये। कहालीकि तुम लोग यो निश्चित रूप सी जान लेवो कि कोयी व्यभिचारी, यां अशुद्ध लोग, यां लालची जो मूर्तिपूजक को बराबर हय, मसीह अऊर परमेश्वर को राज्य को अधिकारी नहीं होयेंन।
कोयी तुम्ख बेकार बातों सी धोका नहीं दे, कहालीकि इन चिजों को वजह हय कि परमेश्वर को गुस्सा उन पर आय जायेंन जो ओको पालन नहीं करय हंय। येकोलायी असो लोगों सी कोयी सम्बन्ध मत रखो। कहालीकि तुम त खुद अन्धारो म रहत होतो, लेकिन जब सी प्रभु को लोग बन गयो हंय, येकोलायी प्रकाश की सन्तान की तरह जिवो, कहालीकि यो प्रकाश हय जो हर तरह की भलायी, अऊर सच्चायी, अऊर सच्चायी को फसल लावय हय। 10 तुम यो परखो कि प्रभु ख का भावय हय। 11 अन्धारो को बेकार कामों म तुम सहभागी मत हो, बल्की उन्की बुरायी को विरोध करतो हुयो उन्ख प्रकाश म लावो। 12 कहालीकि जो काम गुप्त रूप सी करय हय उन्की चर्चा करन म भी शरम आवय हय। 13 जब सब चिजे प्रकाश म लायो जावय हय तब ओको वास्तविक स्वरूप साफ रूप सी प्रगट होवय हय। 14 कहालीकि प्रकाश सब बाते प्रगट करय हय। यो वजह ऊ कह्य हय,
“हे सोवन वालो,
जाग अऊर मुर्दों म सी जीन्दो हो;
त मसीह को प्रकाश तोरो पर चमकेंन।”
15 येकोलायी ध्यान रहे, कि तुम कसो रह्य हय: त निर्बुद्धि लोगों को जसो नहीं पर बुद्धिमान लोगों को जसो रहो। 16  हर अवसर को अच्छो कर्मों को लायी पूरो-पूरो उपयोग करो, कहालीकि यो दिन बुरो हंय। 17 तुम निर्बुद्धि न बनो, पर ध्यान सी समझो कि प्रभु की इच्छा का हय।
18 दारू सी मतवालो मत बनो, कहालीकि येको सी लुचपन पैदा होवय हय, पर पवित्र आत्मा सी परिपूर्ण होतो जावो। 19  अऊर आपस म भजन अऊर स्तुतिगान अऊर आत्मिक गीत गायो करो, अऊर अपनो–अपनो मन म प्रभु को आदर म गातो रहो। 20 अऊर हमेशा सब बातों लायी हमरो प्रभु यीशु मसीह को नाम सी परमेश्वर पिता को धन्यवाद करतो रहो।
पत्नी अऊर पति
21 हम मसीह को प्रति श्रद्धा–भक्ति रखन को वजह एक दूसरों को लायी प्रस्तुत करो।
22  हे पत्नियों, अपनो पति को अधीन रहो जसो प्रभु को अधीन रह्य हय। 23 कहालीकि पति को उच तरह पत्नी पर अधिकार हय जसो कि मसीह को मण्डली पर अधिकार हय; अऊर खुद मसीह मण्डली को उद्धारकर्ता हय जो ओको शरीर हय। 24 जो तरह मण्डली मसीह को अधीन रह्य हय, वसीच पत्नी भी हर बातों म अपनो पति को अधीन रहनो चाहिये।
25  हे पतियों, तुम अपनी पत्नियों सी उच तरह प्रेम रखो, जो तरह मसीह न मण्डली सी प्रेम करयो अऊर येकोलायी अपनो जीवन दियो। 26 जेकोसी ऊ ओख वचन को द्वारा मण्डली ख समर्पित करयो, जसो पानी सी शुद्ध कर क् पवित्र बनाय सके, 27 अऊर ओख एक असी शुद्ध मण्डली बनाय क अपनो जवर खड़ी करे, जेको म दाग नहीं हो, नहीं झुर्री नहीं कोयी कमतर्ता हो बल्की पवित्र अऊर निर्दोष हो। 28 योच तरह उचित हय कि पति अपनी पत्नी सी अपनो खुद को शरीर को जसो प्रेम रखे। जो अपनी पत्नी सी प्रेम रखय हय, ऊ अपनो आप सी प्रेम रखय हय। 29 कहालीकि कोयी न कभी अपनो शरीर सी दुश्मनी नहीं रख्यो बल्की ओको पालन–पोषन करय हय, जसो मसीह भी मण्डली को करय हय। 30 येकोलायी कि हम ओको शरीर को भाग आय। 31 जसो शास्त्र कह्य हय, “यो वजह आदमी अपनो माय–बाप ख छोड़ क अपनी पत्नी सी मिल्यो रहेंन, अऊर हि दोयी एक तन होयेंन।” 32 यो एक महान रहस्य आय, पर मय यो मसीह अऊर मण्डली को बारे म कहू हय। 33 पर तुम लोगों म सी हर एक पति अपनी पत्नी ख अपनो जसो प्रेम करे अऊर हर एक पत्नी अपनो पति को आदर–सम्मान रखे।
5:16 ५:१६ कुलुस्सियों ४:५ 5:19 ५:१९ कुलुस्सियों ३:१६,१७ 5:22 ५:२२ कुलुस्सियों ३:१८; १ पतरस ३:१ 5:25 ५:२५ कुलुस्सियों ३:१९; १ पतरस ३:७