7
एक सूबेदार* को विश्वास
(मत्ती ८:५-१३)
जब यीशु लोगों सी सब बाते कह्य दियो, त कफरनहूम नगर म आयो। उत सौ रोमन सिपाहियों को अधिकारी को एक सेवक जो ओको प्रिय होतो, बीमारी सी मरन पर होतो। ओन यीशु की चर्चा सुन क यहूदियों को कुछ बुजूर्गों ख ओको सी या बिनती करन क् ओको जवर भेज्यो कि आय क मोरो सेवक ख चंगो कर। हि यीशु को जवर आयो, अऊर ओको सी बहुत बिनती कर क् कहन लग्यो, “ऊ यो लायक हय कि तय ओको लायी यो कर, कहालीकि ऊ हमरो लोगों सी प्रेम रखय हय, अऊर ओनच हमरो आराधनालय ख बनायो हय।”
यीशु उन्को संग गयो, पर जब ऊ घर सी दूर नहीं होतो, त सूबेदार न ओको जवर कुछ संगियों ख यो कहन भेज्यो, “हे प्रभु, दु:ख मत उठाव, कहालीकि मय यो लायक नहाय कि तय मोरी छत को खल्लो आय सकय। योच वजह मय न अपनो आप ख यो लायक भी नहीं समझ्यो कि तोरो जवर आऊं, पर वचनच कह्य दे त मोरो सेवक चंगो होय जायेंन। मय भी शासन को अधीन आदमी हय, अऊर सिपाही मोरो हाथ म हंय; अऊर जब एक ख कहूं हय, ‘जा,’ त ऊ जावय हय; अऊर दूसरों सी कहूं हय, ‘आव,’ त आवय हय; अऊर अपनो कोयी सेवक ख कि ‘यो कर,’ त ऊ ओख करय हय।”
यो सुन क यीशु ख अचम्भा भयो अऊर ओन मुंह घुमाय क वा भीड़ सी जो ओको पीछू आय रही होती, कह्यो, “मय तुम सी कहू हय कि मय न इस्राएल म भी असो विश्वास नहीं पायो।”
10 अऊर भेज्यो हुयो लोगों न घर लौट क ऊ सेवक ख चंगो पायो।
यीशु सी विधवा को बेटा ख जीन्दो करनो
11 थोड़ो दिन को बाद यीशु नाईन नाम को एक नगर ख गयो। ओको चेला अऊर बड़ी भीड़ ओको संग जाय रही होती। 12 जब ऊ नगर को द्वार को जवर पहुंच्यो, त देख्यो, लोग एक मुरदा ख बाहेर गाड़न लायी लिजाय रह्यो होतो; जो अपनी माय को एकलौतो बेटा होतो, अऊर वा विधवा होती; अऊर नगर को बहुत सो लोग ओको संग होतो। 13 ओख देख क प्रभु ख तरस आयो, अऊर ओको सी कह्यो, “मत रो।” 14 तब ओन जवर आय क सकोली ख छूयो, अऊर उठावन वालो रुक गयो। तब ओन कह्यो, “हे जवान, मय तोरो सी कहू हय, उठ!” 15 तब ऊ मुरदा बेटा उठ बैठ्यो, अऊर बोलन लग्यो। यीशु न ओख ओकी माय ख सौंप दियो।
16 येको सी सब डर गयो, अऊर हि परमेश्वर की बड़ायी कर क् कहन लग्यो, “हमरो बीच म एक बड़ो भविष्यवक्ता उठ्यो हय, अऊर परमेश्वर न अपनो लोगों पर दयादृष्टि करी हय।”
17 अऊर ओको बारे म या बात पूरो यहूदिया अऊर आजु बाजू को पूरो देश म फैल गयी।
यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो को प्रश्न
(मत्ती ११:२-१९)
18 यूहन्ना ख ओको चेलावों न इन सब बातों को समाचार दियो। 19 तब यूहन्ना न अपनो चेलावों म सी दोय ख बुलाय क प्रभु को जवर यो पूछन लायी भेज्यो, “का आवन वालो तयच आय, यां हम कोयी अऊर की रस्ता देखबो?”
20 उन्न ओको जवर आय क कह्यो, “यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो न हम्ख तोरो जवर यो पूछन ख भेज्यो हय कि ‘का आवन वालो तयच आय, यां हम कोयी दूसरों की रस्ता देखबो?’ ”
21 उच समय यीशु न बहुत सो ख बीमारियों अऊर देखूं, अऊर दुष्ट आत्मावों सी छुड़ायो; अऊर बहुत सो अन्धा ख आंखी दियो; 22 अऊर ओन यूहन्ना सी कह्यो: “जो कुछ तुम न देख्यो अऊर सुन्यो हय, जाय क यूहन्ना सी कह्य दे; कि अन्धा देखय हंय, लंगड़ा चलय-फिरय हंय, कोढ़ी शुद्ध करयो जावय हंय, बहिरा सुनय हंय, मुरदा जीन्दो करयो जावय हंय, अऊर गरीबों ख सुसमाचार सुनायो जावय हय। 23 अऊर धन्य हय, जो मोरो वजह ठोकर नहीं खावय।”
24 जब यूहन्ना को भेज्यो हुयो लोग चली गयो त यीशु यूहन्ना को बारे म लोगों सी कहन लग्यो, “तुम जंगल म का देखन गयो होतो? का हवा सी हिलतो हुयो सरकण्डा ख? 25 त फिर तुम का देखन गयो होतो? का चमकदार कपड़ा पहिन्यो हुयो आदमी ख? जो चमकदार कपड़ा पहिनतो अऊर ठाट बाठ सी रह्य हंय, हि राजभवनों म रह्य हंय। 26 त फिर का देखन गयो होतो? का कोयी भविष्यवक्ता ख? हां, मय तुम सी कहू हय, बल्की भविष्यवक्ता सी भी बड़ो ख। 27 परमेश्वर न तुम सी कह्यो यो उच यूहन्ना आय, जेको बारे म लिख्यो हय: ‘मय अपनो दूत ख तोरो आगु-आगु भेजू हय, जो तोरो आगु तोरो रस्ता सीधो करेंन।’ 28 मय तुम सी कहू हय कि जो बाईयों सी जनम लियो हंय, उन्म सी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो सी बड़ो कोयी नहाय: पर जो परमेश्वर को राज्य म छोटो सी छोटो हय, ऊ ओको सी भी बड़ो हय।”
29  अऊर सब लोगों न सुन क अऊर कर लेनवालो न भी यूहन्ना सी बपतिस्मा ले क परमेश्वर ख सच्चो मान्यो। 30 पर फरीसियों अऊर व्यवस्थापकों न ओको सी बपतिस्मा नहीं ले क परमेश्वर को इरादा ख अपनो बारे म टाल दियो।
31 “त मय यो युग को लोगों की तुलना कौन्को सी देऊ कि हि कौन्को जसो हंय? 32 हि उन बच्चां को जसो हंय जो बजार म बैठ्यो हुयो एक दूसरों सी पुकार क कह्य हंय, ‘हम न तुम्हरो लायी बांसुरी बजायी, अऊर तुम नहीं नाच्यो; हम्न विलाप गीत गायो, अऊर तुम नहीं रोयो!’ 33 कहालीकि यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो नहीं रोटी खातो आयो, नहीं अंगूररस पीतो आयो, अऊर तुम कह्य हय, ‘ओको म दुष्ट आत्मा हय।’ 34 मय आदमी को बेटा खातो-पीतो आयो हय, अऊर तुम कह्य हय, ‘देखो, खादाड़ अऊर पियक्कड़ आदमी, कर लेनवालो को अऊर पापियों को संगी।’ 35 जो लोग परमेश्वर को ज्ञान स्वीकारय हय ऊ ज्ञान सच्चो हय।”
फरीसी को घर पापिन बाई ख माफी
36 फिर कोयी फरीसी न ओको सी बिनती करी कि ऊ ओको संग जेवन करेंन, येकोलायी ऊ उन फरीसी को घर म जाय क जेवन करन बैठ्यो। 37  ऊ नगर की एक पापिन बाई यो जान क कि ऊ फरीसी को घर म जेवन करन बैठ्यो हय, संगमरमर को बर्तन म अत्तर लायी, 38 अऊर ओको पाय को जवर, पीछू खड़ी होय क, रोवती हुयी ओको पाय क् आसुवों सी गिलो कर क् अऊर अपनो मुंड को बालों सी पोछन लगी, अऊर ओको पाय क् बार-बार चुम्मा ले क ओको पर अत्तर मल्यो। 39 यो देख क ऊ फरीसी जेन ओख बुलायो होतो, अपनो मन म सोचन लग्यो, “यदि यो भविष्यवक्ता होतो त जान लेतो कि या जो ओख छूय रही हय, वा कौन अऊर कसी बाई आय, कहालीकि वा त पापिन आय।”
40 यीशु न ओको उत्तर म कह्यो, “हे शिमोन, मोख तोरो सी कुछ कहनो हय।”
“ऊ बोल्यो, हे गुरु, कहो।”
41 “यीशु न कह्यो कोयी महाजन को दोय कर्जदार होतो, एक पर पाच सौ अऊर दूसरों पर पचास चांदी को सिक्का को कर्जा होतो। 42 जब उन्को जवर कर्जा पटावन ख कुछ नहीं रह्यो, त ओन दोयी ख माफ कर दियो। येकोलायी उन्म सी कौन ओको सी जादा प्रेम रखेंन?”
43 शिमोन न उत्तर दियो, “मोरी समझ म ऊ, जेको ओन जादा छोड़ दियो।”
यीशु न ओको सी कह्यो, “तय न ठीक उत्तर दियो हय।” 44 अऊर वा बाई को तरफ घुम क ओन शिमोन सी कह्यो, “का तय या बाई ख देखय हय? मय तोरो घर म आयो पर तय न मोरो पाय धोवन लायी पानी नहीं दियो, पर येन मोरो पाय आसुवों सी गिलो अऊर अपनो बालों सी पोछ्यो। 45 तय न मोरो स्वागत चुम्मा सी नहीं करयो, पर जब सी मय आयो हय तब सी येन मोरो पाय ख चुमनो नहीं छोड़्यो। 46 तय न मोरो मुंड पर तेल नहीं मल्यो, पर येन मोरो पाय पर अत्तर मल्यो हय। 47 येकोलायी मय तोरो सी कहू हय कि येको पाप जो बहुत होतो, माफ भयो, कहालीकि येन बहुत प्रेम करी; पर जेको थोड़ो माफ भयो हय, ऊ थोड़ो प्रेम करय हय।”
48 अऊर यीशु न बाई सी कह्यो, “तोरो पाप माफ भयो।”
49 तब जो लोग ओको संग जेवन करन बैठ्यो होतो, हि अपनो-अपनो मन म सोचन लग्यो, “यो कौन आय जो पापों ख भी माफ करय हय?”
50 पर यीशु न बाई सी कह्यो, “तोरो विश्वास न तोख बचाय लियो हय, शान्ति सी चली जा।”
* 7: ७:१ सौ रोमन सिपाही को अधिकारी, मरकुस १५:३९,४४,४५ 7:29 ७:२९ मत्ती २१:३२; लूका ३:१२ 7:37 ७:३७ मत्ती २६:७; मरकुस १४:३; यूहन्ना १२:३ 7:38 ७:३८ पैर