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पिलातुस को आगु यीशु
(मरकुस १५:१; लूका २३:१,२; यूहन्ना १८:२८-३२)
जब सबेरे भयी त सब मुख्य याजकों अऊर बुजूर्गों लोगों न यीशु ख मार डालन की योजना बनायी। उन्न ओख बान्ध्यो अऊर ले जाय क पिलातुस शासक को हाथ म सौंप दियो।
यहूदा की मृत्यु
(प्रेरितों १:१८,१९)
जब ओको सौंपन वालो यहूदा न देख्यो कि ऊ दोषी ठहरायो गयो हय त ऊ पछतायो अऊर हि तीस चांदी को सिक्का मुख्य याजकों अऊर बुजूर्गों को जवर वापस देन गयो अऊर कह्यो, “मय न निर्दोष ख मारन लायी सौंप क पाप करयो हय!”
उन्न कह्यो, “हम्ख ओकी का परवाह हय? उन्न जवाब दियो। अपनो तयच देख ले।”
तब ऊ उन सिक्का ख मन्दिर म फेक क चली गयो, अऊर जाय क अपनो आप ख फासी दे दियो।
मुख्य याजकों न उन सिक्का ले क कह्यो, “इन्क, भण्डार म रखनो ठीक नहाय, कहालीकि यो खून को दाम आय।” येकोलायी उन्न सलाह कर क् उन सिक्का सी परदेशियों को गाड़्यो जान लायी कुम्हार को खेत ले लियो। यो वजह ऊ खेत अज तक खून को खेत कहलावय हय।
तब जो वचन यिर्मयाह भविष्यवक्ता सी कह्यो गयो होतो ऊ पूरो भयो: “उन्न हि तीस सिक्का यानेकि ऊ ठहरायो हुयो कीमत ख जेक इस्राएल की सन्तान म सी कितनो न सम्मति सी ठहरायो होतो ऊ ले लियो, 10 अऊर जसो प्रभु न मोख आज्ञा दियो होतो वसोच उन्ख कुम्हार को खेत ख मोल म ले लियो।”
पिलातुस को प्रश्न
(मरकुस १५:२-५; लूका २३:३-५; यूहन्ना १८:३३-३८)
11 जब यीशु रोमन शासक को आगु खड़ो होतो त शासक न ओको सी पुच्छ्यो, “का तय यहूदियों को राजा आय?”
यीशु न ओको सी कह्यो, “तय खुदच कह्य रह्यो हय।” 12 जब मुख्य याजक अऊर बुजूर्ग ओको पर दोष लगाय रह्यो होतो, त यीशु न कुछ उत्तर नहीं दियो।
13 येको पर पिलातुस न ओको सी कह्यो, “का तय नहीं सुनय कि यो तोरो विरोध म कितनी गवाही दे रह्यो हय?”
14 पर यीशु न ओख एक बात को भी उत्तर नहीं दियो, यहां तक कि शासक ख बड़ो आश्चर्य भयो।
यीशु ख मृत्यु–दण्ड की आज्ञा
(मरकुस १५:६-१५; लूका २३:१३-२५; यूहन्ना १८:३९–१९:१६)
15 शासक की यो रीति होती कि ऊ पर्व म लोगों लायी कोयी एक बन्दी ख जेक हि चाहत होतो, छोड़ देत होतो। 16 ऊ समय उन्को इत बरअब्बा नाम को एक बदनाम आदमी बन्दी होतो। 17 येकोलायी जब हि जमा भयो, त पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “तुम कौन्क चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी छोड़ देऊ? बरअब्बा ख, यां यीशु ख जो मसीह कहलावय हय?” 18 कहालीकि ऊ जानत होतो कि उन्न ओख धोका सी पकड़वायो हय।
19 जब पिलातुस न्याय कि गद्दी पर बैठ्यो हुयो होतो त ओकी पत्नी न ओख कह्यो, “तय ऊ सच्चो को मामला म हाथ मत डालजो, कहालीकि मय न अज सपनो म ओको वजह बहुत दु:ख उठायो हय।”
20 मुख्य याजकों अऊर बुजूर्गों लोगों न पिलातुस ख बहकायो कि हि बरअब्बा ख मांग ले, अऊर यीशु को नाश करायो। 21 लेकिन पिलातुस न भीड़ सी पुच्छ्यो, “तुम इन दोयी म सी कौन्सो चाहवय हय कि मय तुम्हरो लायी फुकट म छोड़ देऊ?”
उन्न कह्यो, “बरअब्बा” ख।
22 पिलातुस न ओको सी पुच्छ्यो, “फिर यीशु ख, जो मसीह कहलावय हय, का करू?”
सब न ओको सी कह्यो, “ऊ क्रूस पर चढ़ायो जाय!”
23 शासक न कह्यो, “कहाली, ओन का बुरायी करी हय?”
पर हि अऊर भी चिल्लाय-चिल्लाय क कहन लग्यो, “ऊ क्रूस पर चढ़ायो जाये।”
24 जब पिलातुस न देख्यो कि कुछ बन नहीं पड़य पर येको विरुद्ध हल्ला बढ़तो जावय हय, त ओन पानी ले क भीड़ को आगु अपनो हाथ धोयो अऊर कह्यो, “मय यो सच्चो को खून सी निर्दोष हय; तुमच जानो।”
25 सब लोगों न उत्तर दियो, “येको खून हम पर अऊर हमरी सन्तान पर हो!”
26 येको पर ओन बरअब्बा ख उन्को लायी छोड़ दियो, अऊर यीशु ख कोड़ा मरवाय क सौंप दियो, कि क्रूस पर चढ़ायो जाये।
सिपाहियों द्वारा यीशु को अपमान
(१५:१६-२०; यूहन्ना १९:२,३)
27 तब शासक को सिपाहियों न यीशु ख राजभवन म ले जाय क पूरी पलटन ओको चारयी तरफ जमा करयो, 28 अऊर ओको कपड़ा उतार क ओख लाल रंग को चोंगा पहिनायो, 29 अऊर काटा को मुकुट गूथ क ओको मुंड पर रख्यो, अऊर ओको दायो हाथ म सरकण्डा दियो अऊर ओको आगु घुटना टेक क ओकी मजाक उड़ावन लग्यो अऊर कह्यो, “हे यहूदियों को राजा, प्रनाम!” 30 अऊर ओको पर थूक्यो; अऊर उच सरकण्डा ले क ओको मुंड पर मारन लग्यो। 31 जब हि ओकी मजाक उड़ाय लियो त ऊ चोंगा ओको पर सी उतार क फिर ओकोच कपड़ा ओख पहिनायो, अऊर क्रूस पर चढ़ान लायी ले गयो।
यीशु को क्रूस पर चढ़ायो जानो
(मरकुस १५:२१-३२; लूका २३:२६-४३; यूहन्ना १९:१७-२७)
32 बाहेर जातो हुयो उन्ख शिमोन नाम को एक कुरेनी आदमी मिल्यो। उन्न ओख बेकार म पकड़्यो कि ओको क्रूस ख उठाय क ले चल्यो। 33 ऊ जागा पर जो गुलगुता यानेकि खोपड़ी की जागा कहलावय हय, पहुंच क 34 उन्न पित्त मिलायो हुयो अंगूररस ओख पीवन ख दियो, पर ओन चख क पीनो नहीं चाह्यो।
35 तब उन्न ओख क्रूस पर चढ़ायो, अऊर चिट्ठियां डाल क ओको कपड़ा बाट लियो, 36 अऊर उत बैठ क ओकी पहरेदारी करन लग्यो। 37 अऊर ओकी दोष कि चिट्ठी ओकी मुंड को ऊपर लगायो, कि “यो यहूदियों को राजा यीशु आय।” 38 तब यीशु को संग दोय डाकू ख क्रूस पर चढ़ायो गयो एक ख दायो तरफ अऊर एक ख बायो तरफ।
39 आन–जान वालो मुंड हिला–हिलाय क ओकी निन्दा करत होतो, 40  अऊर यो कहत होतो, “हे मन्दिर ख गिरावन वालो अऊर तीन दिन म बनावन वालो, अपनो आप ख त बचाव! यदि तय परमेश्वर को बेटा आय, त क्रूस पर सी उतर आव।”
41 योच रीति सी मुख्य याजक भी धर्मशास्त्रियों अऊर बुजूर्गों समेत मजाक कर क् कहत होतो, 42 “येन बहुतों ख बचायो, अऊर अपनो आप ख नहीं बचाय सकय। यो त ‘इस्राएल को राजा’ आय। अब क्रूस पर सी उतर आयो त हम ओको पर विश्वास करबो। 43 ओन परमेश्वर पर भरोसा रख्यो हय; यदि ऊ येख चाहवय हय, त अब येख छुड़ाय ले, कहालीकि येन कह्यो होतो, ‘मय परमेश्वर को बेटा आय।’ ”
44 योच तरह डाकू भी जो ओको संग क्रूस पर चढ़ायो गयो होतो, ओकी निन्दा करत होतो।
यीशु को जीव छोड़नो
(मरकुस १५:३३-४१; लूका २३:४४-४९; यूहन्ना १९:२८-३०)
45 दोपहर सी ले क तीन बजे तक ऊ पूरो प्रदेश म अन्धारो छायो रह्यो। 46 तीन बजे को जवर यीशु न बड़ो आवाज सी पुकार क कह्यो, “एली, एली, लमा शबक्तनी?” यानेकि “हे मोरो परमेश्वर, हे मोरो परमेश्वर, तय न मोख कहाली छोड़ दियो?”
47 जो उत खड़ो होतो, उन्म सी कुछ न यो सुन क कह्यो, “ऊ त एलिय्याह ख पुकार रह्यो हय।” 48 उन्म सी एक तुरतच दौड़्यो, अऊर स्पंज ले क सिरका म डुबायो, अऊर सरकण्डा पर रख क ओख चुसायो।
49 दूसरों न कह्यो, “रह्य जावो, देखो एलिय्याह ओख बचावन आवय हय कि नहीं।”
50 तब यीशु न फिर ऊचो आवाज सी चिल्लाय क जीव छोड़ दियो।
51 अऊर देखो, मन्दिर को परदा ऊपर सी खल्लो तक फट क दोय टुकड़ा भय गयो: अऊर जमीन हल गयी अऊर चट्टान तड़क गयी, 52 अऊर कब्रें खुल गयी, अऊर सोयो हुयो पवित्र लोगों को बहुत सो शरीर जीन्दो भयो, 53 अऊर ओको जीन्दो होन को बाद हि कब्रो म सी निकल क पवित्र नगर यरूशलेम म गयो अऊर बहुत लोगों ख दिखायी दियो।
54 तब सूबेदार अऊर जो ओको संग यीशु की पहरेदारी करत होतो, भूईडोल अऊर जो कुछ भयो होतो ओख देख क बहुतच डर गयो अऊर कह्यो, “सच म यो परमेश्वर को बेटा होतो!”
55  उत बहुत सी बाईयां होती जो गलील सी यीशु की सेवा करती हुयी ओको संग आयी होती, दूर सी यो देख रही होती। 56 उन्म मरियम मगदलीनी, अऊर याकूब अऊर योसेस की माय मरियम, अऊर जब्दी की पत्नी भी होती।
यीशु को गाड़्यो जानो
(मरकुस १५:४२-४७; लूका २३:५०-५६; यूहन्ना १९:३८-४२)
57 जब शाम भयी त यूसुफ नाम को अरिमतिया को एक धनी आदमी जो खुदच यीशु को चेला होतो, ऊ आयो। 58 ओन पिलातुस को जवर जाय क यीशु की लाश मांग्यो। पिलातुस न शरीर ख यूसुफ ख दियो जान की आज्ञा दियो। 59 त यूसुफ न लाश लियो, अऊर ओख उज्वल चादर म लपेट्यो, 60 अऊर ओन अपनी नयी कब्र म रख्यो, जो ओन चट्टान म खुदवायी होती, अऊर कब्र को द्वार पर बड़ो गोटा लुढ़काय क चली गयो। 61 मरियम मगदलीनी अऊर दूसरी मरियम उत कब्र को आगु बैठी होती।
कब्र पर पहरेदारी
62 दूसरों दिन जो आराम दिन को बाद को दिन होतो, मुख्य याजकों अऊर फरीसियों न पिलातुस को जवर जमा होय क कह्यो, 63  “हे महाराज, हम्ख याद हय कि ऊ भरमावन वालो न जब ऊ जीन्दो होतो, त कह्यो होतो, ‘मय तीन दिन को बाद जीन्दो होऊं।’ 64 येकोलायी आज्ञा दे कि तीसरो दिन तक कब्र की पहरेदारी करी जाये, असो नहीं होय कि ओको चेला आय क ओख चोर क लिजाये अऊर लोगों सी कहन लग्यो, ‘ऊ मरयो हुयो म सी जीन्दो भयो हय।’ तब पिछलो धोका पहिलो सी भी बुरो होयेंन।”
65 पिलातुस न उन्को सी कह्यो, “तुम्हरो जवर पहरेदार त हंय। जावो, अपनी समझ सी कब्र ख रखवाली करो।”
66 येकोलायी हि पहरेदारों ख संग ले क गयो, अऊर गोटा पर मुहर लगाय क कब्र ख सुरक्षित कर दियो।
27:3 २७:३ प्रेरितों १:१८-१९ 27:40 २७:४० मत्ती २६:६१; यूहन्ना २:१९ 27:55 २७:५५ लूका ८:२,३ 27:63 २७:६३ मत्ती १६:२१; १७:२३; २०:१९; मरकुस ८:३१; ९:३१; १०:३३,३४; लूका ९:२२; १८:३१-३३