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गैर-यहूदी सभ केँ शुभ समाचार सुनयबाक पौलुसक जिम्मेवारी
1 एहि कारणेँ हम, पौलुस, जे अहाँ गैर-यहूदी सभक लेल आ मसीह यीशुक कारणेँ जहल मे बन्दी छी, अहाँ सभक लेल प्रार्थना करैत छी।
2 परमेश्वर अपना कृपा सँ अहाँ सभक भलाइक लेल हमरा एक विशेष काज सौंपि देने छथि, ताहि विषय मे अहाँ सभ अवश्य सुनने होयब।
3 एहि सम्बन्ध मे परमेश्वर स्वयं अपन गुप्त योजना हमरा पर प्रगट कयलनि, जाहि विषय मे हम ऊपर किछु चर्चा कयने छी।
4 अहाँ सभ जखन ओकरा पढ़ब तँ मसीहक सम्बन्ध मे परमेश्वरक गुप्त योजनाक ज्ञान हमरा की भेटल अछि से अहाँ सभ बुझि जायब।
5 ई योजना एहि सँ पहिलुका पीढ़ीक लोक सभ केँ एहि रूप मे नहि कहल गेल छल, जाहि रूप मे एखन परमेश्वरक आत्मा द्वारा हुनकर पवित्र मसीह-दूत आ हुनकर प्रवक्ता सभ पर प्रगट कयल गेल अछि।
6 ओ बात जे पहिने गुप्त छल, से ई अछि जे, शुभ समाचार द्वारा यहूदी सभक संग-संग गैर-यहूदी सभ सेहो उत्तराधिकारी अछि, संग-संग एके शरीरक अंग अछि आ मसीह मे पूरा कयल गेल परमेश्वरक वचन सभ मे संग-संग सहभागी अछि।
7 परमेश्वरक सामर्थ्यक प्रभाव द्वारा हुनका कृपा सँ हमरा ई वरदान देल गेल जे हम एहि शुभ समाचारक प्रचार करैत हुनकर सेवा करी।
8 हमरा पर, जे परमेश्वरक लोक मे छोटो सँ छोट छी, परमेश्वर ई कृपा कयलनि—ओ हमरा गैर-यहूदी सभ केँ मसीहक अथाह धनक शुभ समाचार सुनयबाक शुभ काज सौंपि देलनि।
9 सभ लोकक लेल हमरा ई स्पष्ट करबाक अछि जे परमेश्वरक गुप्त योजना की अछि। ई योजना परमेश्वर, जे सभ वस्तुक सृष्टिकर्ता छथि, से बितल युग सभ मे अपना लग गुप्त रखने छलाह।
10 हुनकर उद्देश्य ई छलनि जे, एखन, वर्तमाने समय मे, स्वर्गीय क्षेत्र मे शासन करऽ वला सभ और अधिकारी सभ मसीही मण्डली केँ देखि कऽ परमेश्वरक विभिन्न प्रकारक बुद्धि केँ जानि सकय।
11 ई परमेश्वरक ओहि योजनाक अनुसार अछि जे अनन्त काल सँ हुनका मोन मे छलनि आ जकरा ओ अपना सभक प्रभु, मसीह यीशु, द्वारा पूरा कयलनि।
12 एही मसीह यीशु द्वारा आ हुनका पर विश्वास करबाक कारणेँ, अपना सभ निर्भय भऽ कऽ पूर्ण भरोसाक संग परमेश्वर लग आबि सकैत छी।
13 तेँ अहाँ सभ सँ हमर ई विनती अछि जे, अहाँ सभक लेल जे कष्ट हम सहि रहल छी, ताहि कारणेँ अहाँ सभ हिम्मत नहि हारू, किएक तँ ई अहाँ सभक लेल गौरवक बात अछि।
विश्वासी सभक लेल पौलुसक प्रार्थना
14 एहि कारणेँ हम पिताक सामने ठेहुनिया रोपि कऽ प्रार्थना करैत छी—
15 ओही पिताक सामने जिनका नाम पर स्वर्ग मेहक और पृथ्वी परक हुनकर पूरा परिवारक नाम राखल गेल अछि।
16 हम ई प्रार्थना करैत छी जे ओ अपन अपार महिमाक अनुरूप अपन सामर्थ्यक भण्डार सँ अपना आत्मा द्वारा अहाँ सभ केँ सामर्थ्य देथि जाहि सँ अहाँ सभक भितरी मोन आओर मजगूत होअय,
17 आ अहाँ सभक विश्वास द्वारा मसीह अहाँ सभक मोन मे वास करथि। हम इहो प्रार्थना करैत छी जे मसीहक प्रेम मे अहाँ सभक जड़ि गहिंराइ धरि जा कऽ और हुनका प्रेम पर अहाँ सभक न्यो मजगूत भऽ कऽ,
18 अहाँ सभ केँ परमेश्वरक सभ लोकक संग ई बुझबाक क्षमता होअय जे मसीहक प्रेमक लम्बाइ, चौड़ाइ, उँचाइ और गहिंराइ कतेक अछि,
19 और एहि प्रेम केँ जानी जकरा पूर्ण रूप सँ जानल नहि जा सकैत अछि। एहि प्रकारेँ अहाँ सभ बढ़ि कऽ परमेश्वरक समस्त परिपूर्णता सँ भरि जायब।
20 आब ओ जे अपन सामर्थ्य अपना सभक भीतर क्रियाशील राखि कऽ अपना सभक सभ विनती आ कल्पनो सँ बढ़ि कऽ एतेक कऽ सकैत छथि जाहि बातक पार नहि पाबि सकैत छी
21 तिनकर महिमा पुस्त-पुस्तानि तक युगानुयुग मण्डली मे और मसीह यीशु मे प्रगट होइत रहनि। आमीन!