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पवीतर आतमा को बरदान
अगो मोरो संगीहुन! आमी लोकगीन को असो मनसा सेत का तुमला पवितर आतमा को बरदान को बारेमा साजरा लक मालुम भई जाय। तुमी जाना सो का जबा तुमी दुसरो लोकगीन को नेम धरम ला माननवारा होतो तबा तुमी गूंगो मुरत को दिवानो होतो। एकोलाय मी तुमी लोकगीन ला सांगा सेऊ का कोनी मानूस परमेस्वर को आतमा लक असो नही कव्ह सका सेत, का यीसु सिरापित सेत। अना कोनी मानूस पवीतर आतमा को बिना असो नही कव्ह सका सेत, का “यीसु च पिरभू सेत।”
बरदान तो लगत होवासेत, पर आतमा एकच सेत। सेवा लगत तरिका लक होवासेत, पर पिरभू एकच सेत। मानूस ला दिसान को काम लगत सेत, पर परमेस्वर एकच सेत। जोन सब काम करवासेत अना रकम-रकम को काम वोको ताकत लक होवासेत। पर सबको फायदा करान काजी आतमा को उजाड़ा हरेक ला भेंटा सेत। कोनी ला आतमा लक अक्ल को गोस्टी आयकवान काजी, कोनी ला वोच आतमा लक गियान को सबद बोलन को, अना कोनी ला वोच आतमा लक बिस्वास करन को बरदान, अना बिमारगिन ला साजरा करन को बरदान, 10 कोनी ला अचंभा को काम करन को बरदान, कोनीला भविस्यवानी करन को बरदान, कोनिला आतमा गिनला परखन को बरदान, कोनिला अना-अना भासा बोलन को बरदान, तो कोनिला वोला समजावन को बरदान देवा सेत। 11 यो सब काम एकच आतमा को लक होवासेत। अना आपरो मन को लक, यो सबा दान भेटासेत।
एक देह अना आँग अनेक
12 मानूस को देहे एकच सेत। पर वोमा गजब आंग होवासेत अना सब मिलके एक देह बन जासेत। मसीह को बारे मा भी असोच सेत। 13 आमी यहूदी सेत चाहे गैर यहुदी सेत दास या मालीक आमी सब को सब एकच आतमा लक बप्तिस्मा लक एकच देह बन गयो सेत। आमी अब लक एकच आतमा दियो गयो सेत।
14 जसो देह मा गजब अंग सेत। पर देह तो एकच सेत। 15 अदी पाय सांगेत, का मी हात नही सेव एकोलाय मी देह नही सेव, तो का उ यो कारन लक देह को आँग नही से? 16 अदी कान कहे का मी डोरा नही सेव, यो काजी मी देह को नही सेव। तो काहे यो कारन लक देह को अंग नही? 17 अदी पूरो देह डोरा च होतो, तो उ कसो आयकत होतो। अदी सप्पा देह कान होतो तो कसो सुघतो? 18 सही मा परमेस्वर ना आपरो मनसा को लक हरेक अंग ला देह मा, जघा दियो सेत। 19 अदी सब के सब एकच आँग होतो। तो देह कहान होतो। 20 सही मा गजब सो अंग होवन पर भी एकच देह होवासेत।
21 डोरा हात लक नही कव्ह सका से, का मोला तोरो जरुरत नाहती। अना डोस्का पाँय लक नही कव्ह सका सेत मोला तोरो जरुरत नाहती। 22 पर एको उलट देह को जोन आंँग कमजोर समझो जावा सेत वय जादा जरुरी सेत। 23 अना देह को जोन आंँग ला आमी आदर को काबिल नही समजा सेत वोच ला आमी जादा आदर देवे सेजन। अना आमरो सोभा देवनवारा आंँग गजब साजरा होवा जासे। 24 मंग आमरो सोभा देवनवारा बदन ला एको जरुरत नाहती, पर परमेस्वर ना देहला असो बना देइसेस, का जोन आंँगला आदर को कमी होती वोला च गजब आदर मीले। 25 जेमे लक देह मा फूट नोको पडे, पर आँग एक दुसरो को बरोबर चिन्ता करे। 26 एकोलाय अदी एक अँगठी मा दुख लगासेत तो दुजोला झार लगासेत। अना एक को बड़ाई होवासेत तो सारो देह खुस भई जासे।
27 असोच तुमी सबा मिलके मसीह को देह आव अना अलग-अलग वोको आंँग सेव। 28 अना परमेस्वर ना कलीसिया मा अलग-अलग बरदानी मानूस ठहराइसेस। पयलो पेरीत दूजो भविस्यवक्ता तिजो गुरू, मग अचंभा काम करनवारा, मंग बिमारला साजरा करनवारा, अना उपकार करन वारा, अना बेवस्था करनवारा अना लगत भासा बोलन वारा 29 का सब पेरीत सेत? सब भविस्यवक्ता आवनवारा गोस्टी सांगनवारा सेत? का सब गुरुसेत? का सब अचंभा को काम करन वारा सेत? 30 का सबला बिमारगिन ला साजरा करन को बरदान भेटिसेस? का सबच अना भासा बोलसेत? का सबच अनुवाद करनवारा सेत? 31 चाहे जसो होहे तुमी साजरा लक साजरा बरदान पावन को धुन मा रव्हो।
पर मी तुमीला एक साजरा मारग सांगा सू।