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आपस को झगड़ा को फैसला
1 का तुमरो मा असो कोनी मानूस सेत जोन आपरो च भाऊहुन को बीच मा कोनी झगड़ा होवनो मा परमेस्वर को पवितर मानूस गिन को जवर नही जावा सेत, पर हिम्मत करके अन्यायी गिनको अदालत मा जावा सेत।
2 का तुमी ला नही मालूम सेत? का पवीतर लोकगीन दुनिया को सब लोक गीन को न्याय करयेत। अना यदी तुम्ही, सब दुनिया को लोकगीन को नियाव कराबिन। तो तुमी ऐना लहान-लहान झगड़ा-राड़ को नियाव स्वता काहे नही करा सेत?
3 का तुमी नही जाना सो, क आमी सरगदूत गिनको नियाव करबीन? ता का आमी, यो दुनिया को गोस्टी को न्याय करन काबील नाहती?
4 मंग जबा तुमी लोकगीन लाय, दुनिया को गोस्टी को न्याय करन लाय, अदालत सेत। तो का तुमी असो मानूस ला, न्यायलय बसा जोस, जोन कलीसिया मा काही नहती?
5 मी तुमला लजान काजी, नही सांगा सू। का यो खरो सेत, का तुमारो बीच मा कोनी गियानी भेद करन वालो नाहती? जोन आपरो भाऊ गीन को तन्टा ला सुलजा देवे।
6 अबिस्वासी गिनको पुढ़ा, न्याय भेटन लाय आपरो भाऊ-भाऊ पर नालिस करा सो। यो तुमरो काजी सरम को बात सेत।
7 तबा ता खरो-खर तुमरो पयलो गलती योच सेत। का तुमी एक दुसरो पर नालीस करा सेव, तुमी हानी काहे नही सहा सेव? तुमच छल ला काहे नही सहा सेव?
8 एको उलट तुमी आपरो भाऊ गीनको संग अन्याव करा सेव।
9 का तुमीला नही मालूम सेत? का बदी करन वालो परमेस्वर को राज मा वारिस नही होहेत। धोखा नोको खावो, छिनरापन करनवारा, ना तो मुरत पुजा करनवारा, ना दुसरो को बायको संग सोवनवारा, छिनाल,
10 न तो चोर, बेवड़ा, न सीवा देवन वालो, ना तो लुट-खसोट करन वालो, परमेस्वर को राज को वारिस होहेत।
11 अना तुमी मा लक काही, असोच होतिन। पर अबा तुमी पिरभू यीसु मसीह को नाव लक, अना आमरो परमेस्वर को आतमा लक, धोयो गयो, पवीतर करियात अना नेक बन गयो सेत।
देह परमेस्वर को महिमा करन काजी सेत
12 तुमरो मा लक कोनी असो सांगेत, “मोला सब चीज बेखटका करन को अधिकार सेत।” “हव पर सब साजरा नाहती।” मी असो सांग सका सू, “मोला सब चीज करन को सूट सेत।” “पर मी कोनी चीज को गुलाम नहिसेऊ।”
13 कोनी असो भी सांगेत पर जेवन पोटको लाय, अना पोट जेवन को लायसेत। पर परमेस्वर, यो दुई को अन्त कर देहेत। मंग देह छिंडरापन लाय नाहती, पर पिरभू काजी सेत, अना पिरभू देह काजी सेत।
14 परमेस्वर ना जसो पिरभू ला जिलायो, वसोच उ अमीला भी, आपरो ताकत लक जित्तो करयेत।
15 का तुमला मालूम नहती? तुमरो देह मसीह को आंँग सेत। तो का मी मसीह को आँग ला धरके बेसिया को आँग बना देऊ?
16 का तुमीला यो मालुम नहती? जोन बेसिया को संग सोवा सेत, वो वोको संग एक देह होय जावा सेत, काहेका असो कव्हयो गयो सेत, का दुई एक देह होहेत।
17 पर उ जोन पिरभू लक संगत करतत, वोको संग एक आतमा होय जासे।
18 छिनालापन लक पराय जावो। अना सप्पा पाप, जोन मानूस करा सेत, वय देह लक बाहेर होवासेत। पर छिनालापन करनवारा, आपरो देह को बिरोध मा पाप करासेत।
19 का तुमिला मालुम नही सेत? का तुम लक हरेक को देह पवीतर आतमा को मंदिर सेत। जोन तुममा सेत, अना वा तुमिला परमेस्वर लक भेटयो सेत। तुमी आपरो नही सेव।
20 काहेका तुमी मोल देके सूटायो गयो सेव, एको एवज मा आपरो तन लक, परमेस्वर को महिमा करो।