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हांव इनी सब वातोन क मन लगाड़ीन विचारियो कि इनी सब वातोन क पुरावो हात करोम, कि काहली रीति सी धोरमी आरु अकोल वाळा लोगहन आरु हेनका काम परमेश्वरन हात मा छे; मानुसन अगोळ आखी भातीन वात छे पुण त्यो यो नी जानतो कि त्या वात मोंगाळि छे या बुरी। आखी वात आखा वाटे सारकी छे, छाचु हय या खुड़ावलो, वारलो, चुखलो या विटुळ बली चढ़ावने वाळा या नी बली नी चढ़ावने वाळा आखान हालत सारकीत् हुये। जसी धोरमी मानुसन हालत, तसीत् पापीन हालत; जसी कसम खाने वाळान हालत हुये, तसीत् हालत कसम खाने सी बीने वाळान हुये। जो काय धरती पर करियो जाय उना मा यो एक गुनु छे कि सब लोगहन न एक सारकीत् हालत हुये; आरु मानुसन मनो मा बुराय भरायली छे, आरु जव तक त्या जीवता रये हेका मन मा गांडवाय भराय रये, आरु हेका बाद त्यो मरला मा जाईन भेसकाय जाय। पुन जो जिवतला मा छे, हेको भुरसू छे, काहकी जीवतलो कुतरो मरला नाहार सी वदीन छे। काहकी जो जीवतला छे त्या अतरो ते जाने कि त्या मरसे, पुन मरला काय बी नी जाने, आरु नी हेनको काहय बदलो जड़े, काहकी हेनको फोम करनो मिट जासे। हेनको मोंग आरु दुश्मनी आरु हेनकी डाहळाय नाश हुय गयी, आरु जो काय धरती पर हुये हेना मा हेनको वाटे आरु कोय जलोमको वाटो नी रयसे। थार घर जात रय, आरु खुशी सी रोटा खाया कर, आरु मन मा सुख सी थारो अंगुरन रस पिया कर, काहकी परमेश्वर थारा कामो सी खुश हुयलो छे। थारा छिंदरा जलोम उजळा रये, आरु थारा मुनका पर तेल लागलो रये। आपसा जीवन वायबार दाहड़ा जो त्यो धरती थारे वाटे टाकलो छे, थारी मोंगाळी लाड़ीन क सात मा विताड़जी, काहकी थारे वाटे थारी मेहनत जो तु दाहड़ान नेचो करे थारो योत् वाटो छे। 10 जो काम तुखे जड़े हेको थारी ताकोत लगाड़ीन करजी, काहकी आंधारा कुण्डा मा जासारी तु जाने वाळो छे, नी काम नी युक्ति नी गियान नी ते ओकल छे। 11 ओळी हांव देखीयो धरती पर जूरभरीन दवड़ने वाळो नि जीके, आरु नी ते लड़ाय मा ताकत वाळा जीके नी अकोल वाळा लोगहन क रोटा जड़े, आरु सझदार क धन, आरु नी गियान वाळा पर दया हुये, या सब टेमन हको तळे छे। 12 मानुस आपसी टेम क नी जानतो। जसी माछली जाळो मा फोस जाय आरु चिल्‌ला फांदे पोड़ जाय तसोत् मानुस बी दु:ख भरीया टेमो मा जो हेनु पर उचकाळुन आय पड़े, फस जाय।
ओकोलवाळा आरु विनओकल्‌या सी मेळतो जुळतो विचार
13 हांव दाहड़ान नेचो इनीये भातीन अकोल क बी देखलो छे, जो मेखे मोटी मलम पड़ी। 14 एक नानलो नगर हुतो, जिनाम थुड़ांक लोगहन हुता; आरु काहलो मोटलो राजा हेको घेर लिदो, हेका विरुद मा धाड़ो बान्धीयो। 15 उना नानला नगर मा एक अकोल वाळो मानुस रयतो हुतो पुन गरीब हुतो, त्यो हेकी अकोल सी उना शहर क वाचाड़ लीदो। ओळी बी उना गरीब क भुल गीया। 16 तव हांव कयो, कदाम उना गरीब मानुसन अकोलन कोय विजूत नी करीया, हेकी वात पर धियान नी दीदा तेबी हांव कयो; ताकत सी अकोल मोटी छे। 17 विनअकलियान वीच मा राजा न आयेड़ने सी अकोल वाळान बुल समळी लेनो वारुछ। 18 लड़ायन हतियार सी अकोल वारु छे पुन एक पापी घण सवटी भलाय क नाश करे।