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चांदीन वाटको
1 ती हुयो आपसा घोर क आधिकारी क हुकुम आप्यो की, “एनु मानषो क थोयला मा जोतरो खानेन चीजे सोमाये तोतरो भोर देवु, आरु एक एक जन रिपिया क ओका थोयला क मुयावा पोर मेल देवु।
2 आरु मारो चाँदी क कोटोरो नानास थोयला क मुयावा पोर ओका ओन क रुप्या क सात मेक देवु।” युसुफ क इनी हुकुम क ओनसारे हुये कोर्या।
3 सोंदारे वेगात होयतात हुये मानुस आपसा गोदड़ा भेळ चाल देदा।
4 हुये नगर सी निकोळ्यात हुया, आरु नाम्बे वीनी गोया होता कि युसुफ न आपसा घोर क आधिकारी सी कोयु हेनु मानषो क पोछोळ पोड, आरु हेनुक हेरीन कोह कि, तुमु वारला क बोदला मा बुराय काहा कोर्या? काहा तुमु म्हारा स्वामी क वाटको चुर लेदा?
5 काय यी ची चीजे नी जेरेमा मारु स्वामी पितलु छे, आरु जिना हुयो सातायली वातोक कोरे? तुमु यो जु कोरला छे ते वारु नी कोर्या।
6 ती हुयो हेनुक जाईन धोर्यो, आरु ओसीत वात हेन्दरे कोयु।
7 हुये हेनासी कोया “हे मारा पोरबु, तु ओसी वात काहा कोवे छे? हामु वायदु कोरजे कि ओसो काम हामु नी कोरते।
8 देख जे रुप्या आमरा थोयला क मुयावा पोर निकोळ्या हुता, जब आमु ओको कनान देश सी ली आवीन तुसे पोछो आप देदा, ती वारु, तारा स्वामी क घोर मा सी हामु काई चाँदी ने सोनो क चीजे कोसा चुराय सोकतला छे?
9 तारा दास मा सी जेरे कुदा क पास हुयो निकोळे, चो मार नाख्यो जाय, आरु हामु वी आपसा हेना स्वामीन दास होय जासु।”
10 घोरोन होकदारीयो कोयो, “तुमरोत कोहनो खोरो, जेरे जुळ हुयो वाटको निकोळे चो मारो दास होयसे; आरु तुमु मानुस विनगुनाळा कोहायसु।”
11 एर पोर हुये तावनी सी आपसा-आपसा थोयला उतारीन भीमा मेलीन थोयला उगाड़ने लाग्या।
12 ती हुये हेरने लाग्या, आरु मोटला क थोयला सी लीन नानला क थोयला लोगुन हेर कोर्या: आरु कटोरा बिन्यामीन क थोयला मा मिळ्यो।
13 ती हुये दुख मा आपसा-आपसा छिन्दरा फाड़्या आरु आपसा आपस गोदड़ा पोर मेलीन नगर क जात रोया।
14 जोत्यार यहुदा आरु ओका भाई युसुफ क घर पुग्या, आरु युसुफ होयाँत हुयो, ती हुये हेरे ओगोळ भुमी पोर पोड़्या।
15 युसुफ न हेनुसी कोयो, “तुमु मानसे न कोसो काम कोरला छे? काय तुमु नी जानता हुता की मार सी मानुस सातायली वातक जान सोकतलो?”
16 यहुदा न कोयो, “आमु मानषो आपसा स्वामी सी काय कोहे? हामु काय कोहीन आपसा क निर्दोषी कोहो? परमेश्वर न तारा दास क ओधोरोम क धोरीन लेदला छे। हामु, आरु जेरे पास कटोरो निकोळ्यो हुयो वी, आमु आखा की आखा आमरा स्वामीन दासुत छे।”
17 हुयो कयो, “ओसो कोरनो मारसे नांबे रोहे, जेरे मानुसक पास कटोरो निकोळ्लो छे, चोत मारो दास होयसे; आरु तुमु मानुस आपसा बाबा क पास वारु रिते जात रोहु।”
बिन्यामीन क लिय यहुदा क विनता
18 ती यहुदा ओका पास जाईन कोहने लाग्यो, “हे मारा पोरबु, तारा दास को आपसा पोरबु सी कोहने को हुकुम होय, आरु तारी रिस तारा दास पोर नी भोड़के; काहकी तु ते फिरोन के जोसो छे।
19 मारा पोरबु न आपसा दासो सी पुछ्यो हुयो, ‘काय तुमरु बाबु ने दिसरा भाईश छे?’
20 आरु हामु आपसा पोरबु सी कोया, ‘हाव, आमरु ढुकरु बाबु छे, आरु ओका डाहवारा क एक नानो सोव पुर्यो वी छे, वाखुन ओको भाई मोर गोयलो छे, ओतरान कोरिन हुयो हेमी आपसी आईस क एखलोत रोय गोयो, आरु ओको बाबो ओको मोंग राखतो छे।’
21 ती तु आपसा दासो सी कयो हुतो, ‘ओको मार पास ली आवु, जेरेसे हांव ओको देखो।’
22 ति हामु आपसा पोरबु सि कोया हुता, ‘हुयो पुर्यो आपसा बाबा क नी छुड़ सोकतो; नी ते हेरो बाबो मोर जासे।’
23 आरु तु आपसा दास सी कोयो, ‘काहमाईन तुमरु नानलु भाइस तुमरे पुठी नी आवे, ती तुमु मारे ओगोळ ओळी नी आय पावसु।’
24 ओतरान कोरिन जब हामु आमरा बाबा तारा दास क पास गोया, ती हामु हेरेसी आपसा पोरबु कि वाते कोया।
25 ती आमरु बाबु न कोयु, ‘ओळी जाईन आपने जुगु थुड़ो सो खानेन चिज मुले ली आवु।’
26 हामु कोया, ‘हामु नु जाय सोकतला, हाव, काहमाईन आमरु नानलु भाईस आमरे पुठी रोहे, ती हामु जासु; काहली काहमाईन आमरु नानलु भाईस आमरे पुठी नी रोहे, ती हामु हेना मानुसक ओगोळ नी जाय पावसु।’
27 ती तारा दास मारा बाबा न हामु सी कोयो, ‘तुम ते जानु होय की राहेल सि दुय पुर्या पोयदा हुया।
28 आरु हेना सी एक ते मेसेक छुड़ित गोयो, आरु हांव छाचिन कोर लेदु, की हुयो फाड़ देदु गोयु होसे; आरु ती सी हांव हेरो मुय नी देख पायु।
29 एने: काहमाईन तुमु ओको वी मारा डुळा क आड़ मा ली जावु, आरु काई वेला एर पोर पोड़े, ती तुमरे कारण हांव एना डाहवारा क टेमे मा शोक क सात अधोलोक मा उतरी जाईस।’
30 ओतरान कोरिन जब हांव आपसा बाबा तारा दास क पास पुगजे, आरु यो पुर्यो पुठी नी रोहे, ती, ओको जीव जो एरे पोर ओटेलो रोहे छे,
31 ओस कोरीन, यो देखीन की पुर्यो नी छे, हुयो तोत्यारुत मोर जासे। ती तारा दास क कारण तारा दास आमरो बाबो, जो डाहवारा क टेमे मा छे, शोक क सात अधोलोक मा उतरी जासे।
32 ओळी तारो दास आपसा बाबा क याँ यो कोहीन एना पुर्या क जामनी हुयो छे, ‘काहमाईन हांव एना तारा पास नी पुगाड़ दोम, ती ते हांव होमीसा क लिय तारु गुनावु कोवाईस।’
33 एकालिय हिमी तारा दास एना पुर्या क बोदले आपसा पोरबु क दास होईन रोहने क हुकुम पावे, आरु एना पुर्या आपसा भाईस क पुठी जाने दे।
34 काहकी पुर्या क विगुर पुठी रोहे हांव कोसु आपसा बाबा क पास जाय सोकीस; ओसो नी होये की मारा बाबा पोर जुळ दुख पोड़से चो मेसे देखने पोड़े।”