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ढनड्या पानी क छेहलो
बाखुन परमेश्वर नुह आरु जोतरा बनेले ढुरे आरु पावन्या ढुरे ओका सात मा ढोन्ड्या म हुता, तेनु आखाक फोम राख्यु:आरु परमेश्वर कोळी पोर वाहवो उहवाड्यो, आरु जळ कोम होयने लाग्यो; आरु ऊण्डा दरीया क सोता आरु आकाश क झरोखा बंद हुय गोया; आरु जिना सी पानी पोड़तो हुतो चो वी रुक गयो; आरु डेड़ सोव दाहड़ा क वाद मा जळ धरती पोर गुथो घोटने लागयो। सातवा महीना क सत्रवे दाहड़े, ढोन्ड्यो अरारात नावन बयड़ा पोर टेक गियो। आरु पानी दसवे मोहने लोगुन घोटतो रोयो, आरु दसवे मोहने क पेहले दाहड़े क बयड़ान चोट्या देखा पोड़ी। ओळतेन ओसो हुयो कि चाळीस दाहड़ा क वाद मा नुह आपसा बोनावला ढोन्यान खिड़की उगाड़ीन, एक हाड़गावाक उड़ाय दिदो: जोत्यार लोगुन पानी धोरती पोर गोथो सुख्यो नी, तालोक लोगुन हाड़गावो ओथोन ओथो फिरतो रोयो। ओळतेन हेर जुळ एक पेरवी काजे वी उड़ाय देदो ने देख्यो कि जळ धोरती पोर सी घोट्यो की नी। तेनी पेरवी काजे आपसा पाय टेकवने वाटे काय साहरो नी जोड्यो, ती ची पोछी तेरेनचा ढोन्ड्या पोर आतरोय : काहकी आखी धोरती पोर पानी त् होतो। तोत्यार हात ओगु कोरीन आपसान चा ढोन्ड्या मा ली लेदो। 10 तोत्यार ओवी सात दाहड़ा वीत गोया ने, हुयो तेनीत पेरवी काजे ढोन्ड्या मा सी ओळी उड़ाय देदो: 11 आरु पेरवी सान्ती क टेम ओका पास मा आय लागी, ती काय देख्यो की ओकी चोंच मा जैतुन क एक पान्टो छ: एना सी नुह जान लेदो की जळ धोरती पोर गोथो घोट गोयो। 12 ओळतेन नुह सात दाहड़ा आरु वाट जुवीन तेनीत पेरवी क उड़ाय दिदो: आरु ओळतेन ची पेरवी तेरेनचा पोछी फीरीन नी आवी। 13 नुह की उमोर छोव सोव एक साल क पेहले मोहिने क पेहले दाहड़े जळ धोरती पोर गोथो सुक गोयो। तव 14 तोत्यार दुसरे मोहने क सत्ताईसवे दाहड़े क धोरती पोर सी आखे रीते सुक गोय। 15 तोत्यार परमेश्वर नुह क कयो, 16 तु तारा पुर्या, घोरवाळी आरु उहुड़सीया आखाक लिन ढोन्ड्याम मा सी बाहर नीकोळी जा। 17 काय चिल्‌ला, काय ढुरे, काय आखी भातीन क रेंगनेवाळा जिवे जे कोळी पोर रोवे–जोतरा डीलोवाळा जीवजन्तु तारे पुठी छे, तेनु आखाक तारे साते निकाय ले की कोळी पोर तेन्दरा घोना पुर्या होये आरु चे फुले फलें, आरु कोळी पोर खोव्‌वाय जाए। 18 तोत्यार नुह आरु ओका पुर्या आरु घोरवाळी आरु उहुड़सीया निकोळी गोया: 19 आरु आखा चारपाया, रेंगनेवाळा जीवे, आरु चिल्‌ला, आरु जोतरा जिवजोन्तु कोळी पोर चालता फिरता छे, आखी जाती जातीन कोरिन ढोन्ड्या मा सी नीकोळी आया।
नुहन लारे होमबली चढ़ावनो
20 तोत्यार नुह योहोवा क लिय एक वेदी बनायो; आरु आखा चुखला ढुरो आरु आखा चूखला चिल्‌ला मा सी थुड़ा थुड़ाक लीन वेदी पोर होमबली चढ़ायो। 21 इना पोर योहोवा सुखदायक गंदायन्य लीन विचार कोर्यु, “मानुसक कारण हांव ओळी कोदी कोळी क शाप नी आपो, बाखुन मानुसक मन मा बचपन सी जो काय पोयदा हुये चोत भुण्डोत रोवे; तेवी जोसु मे आखा जिवोक हिमी मारलु छे, तोसु तेनुक ओळतेन कोदी नी मारो। 22 हिमी सी जोत्यार लोगुन कोळ बोनली रोहसे, तोत्यार लोगुन वेरने आरु काटने क टेम, सेळा आरु तोपोन, धूपकाल आरु शीतकाल, दाहड़ा आरु रात लोगातार होयतो रोहसे।”