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जीवन इन बारा दा विचार
1 हेसुर इन सुगन्ध अनमोल अत्तर इन सुगन्ध से धोळ्द आद. सायोद दिन जनम इन दिन से उत्तम आद.
2 भोज इन त्योहार दा सम्मिलित आगोद अपेक्षा सायोद-शोक देल पीड़ित परिवार दा होगोद वळ्लीद आद, यतिकी सायोद अच सप्पा मंळसागोळ्द अच अन्त आद. अत: जीत्ता मंळसा गम्भीरतापूर्वक तान अन्त मा विचार माळ्यान.
3 नेग्गोर से वळ्लीद दुख आद; यतिकी मार्रा अन दुख दिल इन सुख आद.
4 बुद्धिमान मंळसा अन्द दिल शोक-पीड़ित परिवार दा हतकु ईरतद, लेकीन मूर्ख मंळसा अन्द मन आनंद माळावाळा मान्ना दा हतकु ईरतद.
5 मूर्खगोळ बायदेल हाळ केळोद अपेक्षा बुद्धिमान उन फटकार केळोद वळ्लीद आद.
6 मूर्खगोळ्द नेगोद हांग अच ईरतद जसा माळका अन्द ल्यालमा होततेला मुळ्लगोळ्द चरचराहट. अत: ईद भी व्यर्थ आद.
7 निस्सन्देह अत्याचार इन कमाई देल बुद्धिमान भी मूर्ख बनसेगतान, घुस ताकोंडुर देल बुद्धि नष्ट आगेगतद.
8 क्याल्सा अन्द शुरू देल अदुर्द अन्त उत्तम आद, अहंकारी गंळ्स उन अपेक्षा धीरज ईटावाळा गंळ्स श्रेष्ठ आन.
9 तुरन्त क्रोधित आगबाळी, यतिकी क्रोध इन वास मूर्ख उन दिल आद.
10 ईद अनबाळी, कि ईंद से बितुस्कु नाळ वळ्लीद आद. यतिकी ईदुर बारा दा निम्द हिंग अनोद बुद्धि द्वारा हैलेच.
11 बुद्धि विरासत इन घाई ऊंद वळ्लीद चीज आद, अदिक आ लॉकुर इक लाभ पहुचुसतद जो सुर्य अक नोळतार.
12 बुद्धि इन संरक्षण धन इन संरक्षण इन तुल्य आद. ग्यान देल ईद लाभ आद कि आव तान धारक उन जीवन सुरक्षित ईटतान.
13 परमेश्वर उन क्याल्सागोळ मा विचार माळी: यारी परमेश्वर वाकळा माळदुन, आऊक याव सीधा माळ सकतान?
14 सुख इन दिनगोळ दा खुशी मनुसी, लेकीन दुख इन दिनगोळ दा विचार माळी, यतिकी परमेश्वर सुख अदिक दुख येढ्ढु उक माळदुन, ताकी मंळसा अक ई मात इन भेद सिकबाळुल कि अदुर बाद्दा येन आगोद आद.
15 ना तान बेकार जीवन दा ईद नोळदीन: न्यायी मंळसा तान न्यायीपन दा सायतान, लेकीन दुर्जन मंळसा दुष्कर्म माळतेला लंबा ऊमर हासील माळतान.
16 अत: येक्कुल धार्मिक बन्सबाळी, अदिक येक्कुल बुद्धिमान! ईलारा नीव तान कालगोळ मा खुद कोळ्ली बळदीर.
17 येक्कुल अधार्मिक भी बन्सबाळी, अदिक न मूर्ख. ईलारा नीव समय से पयला अच सोतोदीर.
18 वळ्लीद ईद आद कि नीव ऊंद इक हुळकु ईटी, अदिक दुसरा अक भी तान कयगोळ से होळगोळ बाळी. जो मंळसा परमेश्वर उन भक्ति माळतान, आव ई सप्पा कठिनाईगोळ से पार आगेदान.
19 बुद्धी इच बुद्धिमान मंळसा अक नगर इन हत्त शासकगोळ से येक्कुल ताकत प्रदान माळतद.
20 निश्चय अच धरती मा याऊ हिंग न्यायी मंळसा हैलेच जो सदा भलाई अच माळतान, अदिक यागलु पाप माळालुन.
21 जो मातगोळ मंळसा अनतान, आ सप्पा मातगोळ मा कीव हचबाळेतीर. ईलारा नीव ईद मात केळीर कि नीम्द सेवक नीम्द बुराई माळोन.
22 नीम्द दिल जान्सतद कि खुद नीव भी हापाळ घन दुसरा मंळसागोळ बुराई माळीर.
23 “ईद सप्पा ना बुद्धि देल परखुसदीन. ना सोचदीन, ‘ना बुद्धिमान बनसाईन’, लेकीन बुद्धि नान से दूर अच ईत.
24 जो तत्व आव, अव हापाळ दूर आव, गहरा आव, अदिक अत्यंत गहरा आव. अदरी याव सम्स सकतान?”
25 ना ईद जानसोर साटी मन हचदीन कि बुद्धि येन हुन, सब इन सार तत्व येल आद अदुर देल नानी ग्यात आगुल कि मूर्खता अधर्म आद, मूर्खता पागलपन आद.
26 आग ना सायोद से येक्कुल कळा सत्य प्राप्त माळदीन : मतलब आ आर्त, आकिन दिल फंदा आद, आकिन मन जाल आद, आकिन कय जंजीर आव. केवल आवा गंळ्स आकिन से वाचुस सकतान, याऊन से परमेश्वर प्रसन्न ईरतान, ईलारा पापी गंळ्स अदुर्द शिकार आगेगतान.
27 उपदेशक अनतान: नोळी, याग ना सार तत्व तेगोर साटी आबुर दाबुर से मार जोळ्सदेव, आग नानी ईद तथ्य कय दा हत.
28 लेकीन ना यारी ढुंढ्सतेला ईत्तीन, आव नानी सिकीदिल. हजार गंळ्सुर दा येल्यारा ऊंद गंळ्स नानी सिकदुन, लेकीन अऊर दा नानी ऊंद भी आर्त सिकीदील.
29 नोळी, ना केवल ईद सच्चाई नोळदीन परमेश्वर मंळसा अक सीधा-सादा माळदुन, लेकीन मंळसा खुद जीवन इन हापाळ योजनागोळ ढुंढ्सकु तेगदुन.